'सौभाग्य' से उपभोक्ता बने, बिजली का पता नहीं
जागरण संवाददाता, कन्नौज : योजना 'सौभाग्य' है, फिर भी बिजली के लिए तरसते लोगों का दुर्भा
जागरण संवाददाता, कन्नौज :
योजना 'सौभाग्य' है, फिर भी बिजली के लिए तरसते लोगों का दुर्भाग्य दूर नहीं हो रहा है। लापरवाह अफसरों ने सौभाग्य योजना का भी बंटाधार करके रख दिया है। तमाम जरूरतमंदों के घर अब भी रोशन होने से वंचित हैं। हालांकि कागजों में इन्हें सौभाग्य प्राप्त है कि ये बिजली उपभोक्ता बन गए हैं। लेकिन, इनको कनेक्शन नहीं मिले हैं। तिर्वा, उर्मदा, इंदरगढ़ और सौरिख समेत जिला मुख्यालय से दूरदराज इलाकों में योजना का हाल बुरा है। कहीं पोल, तार नहीं पड़े तो कहीं केबिल व मीटर नहीं लगे हैं।
ठठिया क्षेत्र की स्थिति बेहद खराब है। यहां बंगरियापुर, बारापुर, मदनापुर समेत कई गांवों में पोल तो लग गए, लेकिन तार नहीं पड़े हैं। एक हादसे के बाद जनखत गांव सौभाग्य योजना में शामिल कर लिया गया था, लेकिन अब तक यहां भी तार नहीं पड़े हैं।
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हजारों फार्म जुटाए, कनेक्शन नहीं
आठ व नौ अक्टूबर को सौभाग्य दिवस मनाया गया था। मकसद था कि 25 दिसंबर तक 1,02,907 कनेक्शन बांटने का लक्ष्य पूरा करना है। अभियान चलाकर गांव-गांव बिजली से वंचित 34 हजार परिवारों 15 अक्टूबर तक कनेक्शन देना है। इससे पहले विभाग 32 हजार कनेक्शन बांटने का दावा कर रहा है। ब्लाकों को 24,500 कनेक्शन के आवेदन जुटाने का लक्ष्य दिया है। इनमें 20 हजार फार्म ही जुट सके जबकि कनेक्शन एक भी नहीं हुए।
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काम किसी का, नाम कोई और
कनेक्शन के फार्म जुटाने के लिए प्रधान, ग्राम सचिव, सफाई कर्मी, रोजगार सेवक व लेखपाल समेत अन्य कर्मी लगाए गए हैं। 15 रुपये प्रति फार्म लिए जा रहे हैं। प्रधान के सहयोग से गांव-गांव फार्म भर रहे हैं। बिजली विभाग कर्मी अपनी नौकरी का हवाला देकर यही भरे-भराए फार्म बटोर रहे हैं।
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कनेक्शन की स्थिति
लक्ष्य : 1,02,907
कनेक्शन : 32,000
आवेदन : 20,000 फार्म जुटाने का काम तेजी से चल रहा है। कनेक्शन निजी कंपनी के माध्यम दिए जा रहे हैं। किसी तरह की दिक्कत नहीं है। जल्द लक्ष्य पूरा कर जरूरतमंदों को योजना का लाभ मिलेगा।
-एसएल अग्निहोत्री, अधिशासी अभियंता