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सैलाब में डूबी 'मेहनत', अब जिदगी बचाने को मशक्कत

-कटरी इलाके कासिमपुर गांव में बह गया किसानों के अरमानों पर पानी -बच्चों और मवेशियों क

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 08:37 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 08:37 PM (IST)
सैलाब में डूबी 'मेहनत', अब जिदगी बचाने को मशक्कत

-कटरी इलाके कासिमपुर गांव में बह गया किसानों के अरमानों पर पानी

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-बच्चों और मवेशियों की जान बचाने को मशक्कत कर रहे गांव के लोग

जागरण संवाददाता, कन्नौज : पतित पावनी गंगा में आए सैलाब में जहां किसानों की 'मेहनत' डूब गई तो उनके अरमानों पर पानी फिर गया। बची है तो अब जिदगी, अपने बच्चों और मवेशियों समेत गृहस्थी बचाने को लेकर लोग मशक्कत कर रहे हैं। प्रशासन की अधूरी तैयारियां और नाकाफी इंतजाम भी सैलाब पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं। बुधवार को जागरण टीम ने कटरी इलाके के गांव कासिमपुर पहुंचीं, तो वहां लोग अपनी जिदगी को बचाने की जद्दोजहद में दिखे। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे थे, जिन्होंने बाढ़ का निरीक्षण किया।

बुधवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था। जब जागरण टीम नाव से कासिमपुर गांव पहुंची तो चारों तरफ पानी ही दिखाई दे रहा था। लोग पानी में घुसकर गृहस्थी बचाने की जुगत में लगे थे। यहां गांव से बाहर और अंदर जाने के लिए लोगों को नाव का सहारा ले रहे हैं। गांव पहुंचे तो यहां बाढ़ का पानी भरा हुआ था। आठ-दस लोग जो झोपड़ी और पक्के घर में रह रहे थे, वह घरों में ताला बंद कर अपने परिचितों के यहां चले गए। यहां संजय घर में मिले जो बाढ़ के पानी से धनिया की फसल को बचाकर लाए थे। बताया कि उनकी सात बीघा धनिया की फसल नष्ट हो गई। कैलाश और पुत्तूलाल भी आ गए। बताया कि उनकी धान और धनिया की फसल बह गई है। बोले अभी सरकारी मदद नहीं मिली है। जो राशन बचा हुआ है। उसी से फिलहाल काम चल रहा है। बताया कि करीब एक हजार बीघा फसल बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। गांव के लखपति ने बताया कि धनिया और मिर्च की फसल डूबने से उनको हजारों रुपये का नुकसान हो गया है। कैलाश और प्रकाश ने भी अपना दर्द सुनाया।

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नाव से एडीएम और एसडीएम पहुंचे गांव, परखी हकीकत

एडीएम गजेंद्र कुमार और एसडीएम उमाकांत तिवारी पहुंचे। उनके साथ तहसीलदार रामशंकर, नायब तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह भी रहे। उन्होंने यहां के लोगों से बात की और उनकी समस्याएं पूछी। बताया कि उन्हें राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। जागरण की खबर को संज्ञान में लेकर प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को लंच पैकेट भी वितरित किए। एडीएम ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

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घटने लगा गंगा का जलस्तर

बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम से मिली जानकरी के मुताबिक सोमवार रात बुलंदशहर के नरौरा बांध से 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। बुधवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा था। वहीं सुबह पानी मंगलवार की अपेक्षा तीन सेंटीमीटर कम दर्ज किया गया। हालांकि बुधवार को जलस्तर कम होने लगा, जिससे अनुमान है कि आने वाले दिनों में पानी कम होगा।

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जलस्तर

बुधवार - 125.640 मीटर

मंगलवार - 125.690 मीटर

चेतावनी बिदु - 124.970 मीटर

खतरे का निशान - 125.980 मीटर


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