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पांच हजार लीटर की टंकी में 95 हजार खर्च

जागरण संवाददाता कन्नौज स्वास्थ्य विभाग में रोगी कल्याण समिति के पैसों से जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। आरटीआइ से भ्रष्टाचार की परतें खुलती चली जा रही हैं। अस्पताल में पांच हजार लीटर की पानी टंकी लगवाने में 95550 रुपये खर्च कर दिए गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 07:02 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 10:57 PM (IST)
पांच हजार लीटर की टंकी में 95 हजार खर्च
पांच हजार लीटर की टंकी में 95 हजार खर्च

जागरण संवाददाता, कन्नौज : स्वास्थ्य विभाग में रोगी कल्याण समिति के पैसों से जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। आरटीआइ से भ्रष्टाचार की परतें खुलती चली जा रही हैं। अस्पताल में पांच हजार लीटर की पानी टंकी लगवाने में 95,550 रुपये खर्च कर दिए गए।

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रोगी कल्याण समिति के पैसों का किस हद तक दुरुपयोग किया जाता है, इसकी बानगी विनोद दीक्षित चिकित्सालय में देखने को मिली। सदर कोतवाली के ग्राम आकिलपुर निवासी अरविद कुमार ने जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 27 जनवरी को सूचनाएं मांगीं थीं। इस पर विभाग ने आरकेएस के 96 बिलों की छाया प्रति उपलब्ध कराई है। इसमें एक बिल में 14 मार्च 2018 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कन्नौज (विनोद दीक्षित चिकित्सालय) में पांच हजार लीटर की पानी की टंकी लगवाई गई। इस टंकी को एक निजी फर्म से 80 हजार रुपये में खरीदा गया। बिल में एक लीटर टंकी का मूल्य 16 रुपये दिखाया गया, जो कि बाजार भाव से कहीं अधिक है। इसके बाद पानी की टंकी को क्रेन के माध्यम से स्टील स्टेजिग पर चढ़ाया गया और इसे चालू करने के लिए जीआइ फिटिग के खर्च में 11500 रुपये खर्च किए गए। इस तरह एक पानी की टंकी को लगवाने में 95500 रुपये खर्च कर दिए गए, जबकि बाजार मूल्य के हिसाब से यह टंकी 50 हजार रुपये से भी कम में लग सकती थी। 4500 रुपये में खरीदा था तसला

इससे पहले भी विनोद दीक्षित चिकित्सालय के तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. गीतम सिंह का भ्रष्टाचार का मामला खुल चुका है, जिसमें एक लोहे के तसले को 4500 रुपये में खरीदा गया था। बाद में संशोधित बिल दिया गया, जिसमें दस तसले दिखाए गए, लेकिन उसकी दर 4500 रुपये ही बनी रही। इस मामले की जांच भी कानपुर मंडल की संयुक्त निदेशक डॉ. सरोजबाला सिंह कर रहीं हैं। माना जा रहा है कि अभी भी कई बिलों में गोलमाल किया गया है। कोट

रोगी कल्याण समिति की धनराशि को खर्च करने का अधिकार समिति को ही होता है, जिसमें उनका कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। इसके लिए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ही जिम्मेदार है।

-डॉ. कृष्ण स्वरूप, सीएमओ


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