अधूरे कागज, कैसे मिले वेतन?
अमरोहा। नौकरी पाने के बाद भी नये शिक्षकों को छह माह से वेतन नहीं मिल पाया है। अफसरों की सुस्ती के कारण वेतन संबंधी पत्रावलियां पूर्ण नहीं हो पायी हैं। इसके चलते उनका वेतन लटक गया है। इसके विरोध में शिक्षकों ने बीएसए दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया।
बता दें कि जुलाई माह में बेसिक शिक्षा विभाग में 61 शिक्षकों की नियुक्तियां हुई थीं। नौकरी पाने वालों को उम्मीद थी कि अब उन्हें अगले माह से उन्हें सरकारी पगार मिलनी शुरू हो जाएगी, लेकिन यह हसरत अभी तक पूरी नहीं हो पायी है। वेतन के लिए वह बीएसए व लेखा कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें वेतन जारी नहीं किया गया है। दरअसल, नये शिक्षकों को तभी वेतन मिलता है जब उनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन हो जाए। यदि किन्हीं कारणों के चलते इसमें देरी हो तो शपथ पत्र लेकर उन्हें वेतन जारी कर दिया जाता है। शिक्षकों के अनुसार उनके द्वारा शपथ पत्र दिया जा चुका है, मगर अभी तक स्थिति जस की तस है।
बताया जाता है कि वेतन को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों से जो शिक्षकों की पत्रावलियां भेजी गयी थीं, उनमें जरूरी कागज नहीं थे, मसलन पत्रावली में शपथ पत्र की मूल कापी भी नहीं लगाई गयी थी। लिहाजा, लेखा द्वारा आपत्ति लगाकर इन पत्रावलियों को दोबारा कार्यालय भेज दिया गया। वहां से अभी तक खामियां दूर कर पत्रावलियों को भेजा नहीं गया है।
विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलने वालों में अमित कुमार, मुकेश गौतम, अंकित कुमार, आकाश यादव आदि शामिल थे।
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-कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के लिए पत्रावलियां खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों को भेज दी गयी हैं। खामियां दूर होने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
धीरज कुमार, वित्त एवं लेखाधिकारी, अमरोहा।
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