मतदाता सूचियों की प्रिंटिंग पर रोक
अमरोहा। ड्राफ्ट सूचियों के प्रकाशन वाले साफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा निर्वाचक नामावलियों की प्रिंटिंग पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। इससे दस जनवरी को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन अब संभव नहीं दिख रहा। आयोग के फरमान के बाद अफसरों में खलबली मची हुई है।
सियासी दलों की तरह भारत निर्वाचन आयोग ने भी आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियां काफी पहले ही शुरू कर दी थीं। मतदाता सूचियों को शुद्ध करने को आयोग की ओर से एक अक्टूबर से 25 नवंबर 2013 तक पुनरीक्षण अभियान चलाया गया था। इस अभियान के दौरान चारों विधानसभा क्षेत्रों में 62,100 लोगों ने मतदाता बनने को आवेदन किया था। बीएलओ द्वारा की जांच में 180 लोगों के आवेदन विभिन्न कारणों से रिजेक्ट कर दिए। 61 हजार 20 पात्र लोगों के नाम मतदाता सूचियों में शामिल किए गए हैं। जबकि 22 हजार 612 मतदाताओं के नाम विभिन्न कारणों के चलते काटे गए हैं। लोकसभा चुनाव के ड्राफ्ट सूचियां तैयार हो चुकी हैं। आयोग ने दस जनवरी को मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन का एलान किया था, हालांकि पहले इसकी तिथि छह जनवरी निर्धारित की गई थी। लेकिन अब दस जनवरी को भी मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन होता नहीं दिख रहा। साफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से आयोग ने मतदाता सूचियों की प्रिंटिंग पर रोक लगा दी है। चूंकि काम बड़ा है और आयोग ने तारीख को भी आयोग ने नहीं बढ़ाया है। ऐसे में यदि साफ्टवेयर में मिलने में और देरी होती है निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों में खलबली मची हुई है।
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-- साफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से आयोग ने मतदाता सूचियों की प्रिंटिंग पर रोक लगा दी है, ऐसे में दस जनवरी को मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन पर संदेह बरकरार है। हालांकि आयोग ने अंतिम प्रकाशन की तिथि में कोई बदलाव नहीं किया है। -मुहम्मद शबाहत, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी।
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