प्रसव में मौत का जोखिम बढ़ा
अमरोहा। प्रसव में भी गर्भवती को मौत के जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। कुछ महीनों में प्रसव के दौरान कई महिलाएं मौत का शिकार बन गयीं। इनमें से दो महिलाएं ऐसी थीं जिनका प्रसव अस्पताल में हुआ था। इसके बाद भी उनकी जान चली गयी।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि अनट्रेंड हाथ डिलीवरी करा रहे हैं। गली मुहल्लों में झोलाछाप चिकित्सक एवं अप्रशिक्षित दाइयां जच्चा बच्चा केंद्र संचालित कर रहे हैं। लेकिन खास बात यह है कि ट्रेंड हाथों में भी जननी की जान जा रही है। चंद दिन पहले हसनपुर सीएचसी में प्रसव उपरांत महिला की मौत हो गयी थी। इससे पहले भी अस्पताल में महिला की मौत हो चुकी है। आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से लेकर अब तक प्रसव के दौरान नौ महिलाओं की जान जा चुकी है। हालांकि इनमें से अधिकांश मौतें अस्पताल से बाहर, यानी घर या झोलाछाप क्लीनिक पर हुई हैं। गुरुवार को गजरौला में प्रसव के दौरान एक और महिला की मौत हो गयी। बताया जाता है कि प्रसव दाई के घर में हुआ था।
---------
नहीं मिल रही मौत की सूचना
-मातृ मृत्यु दर की रिपोर्टिग में खानापूर्ति की जा रही है। प्रसव के दौरान होने वाली मौतों की सूचना विभाग तक नहीं पहुंच पा रही है। जबकि एनआरएचएम के तहत इस पर पूरा फोकस है। बावजूद इसके एएनएम तथा आशा के स्तर से सूचना नहीं मिल पा रही है। उन्हें डर है कि यदि सूचना दी तो हो सकता है वह कार्रवाई के फंदे में फंस जाएं।
----------------
ये हो सकते हैं मौत के कारण
-शरीर में खून की कमी होना
- कम समय में बच्चे का होना
- प्रसव के दौरान अधिक खून बह जाना आदि
-------------
सुरक्षित प्रसव हेतु अस्पताल में सभी सुविधाएं मौजूद हैं। जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव पर जोर दिया जा रहा है।
-डा. विजय कुमार, सीएमओ, अमरोहा।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर