Move to Jagran APP

UP News: बुंदेलखंड के कठिया गेहूं को योगी आदित्यनाथ सरकार दिलाएगी राष्ट्रीय पहचान, GI टैग दिलाने की कवायद

Bundelkhand Kathia Wheat कठिया गेहूं की खेती बुंदेलखंड में पुरानी है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार कठिया गेहूं का उत्पादन करने वाले किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए कई तरह से उन्हें प्रोत्साहित कर रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 11 Nov 2022 05:07 PM (IST)Updated: Fri, 11 Nov 2022 05:07 PM (IST)
UP News: बुंदेलखंड के कठिया गेहूं को योगी आदित्यनाथ सरकार दिलाएगी राष्ट्रीय पहचान, GI टैग दिलाने की कवायद
Bundelkhand Kathia Wheat: झांसी में समूह बनाकर किसान कर रहे कठिया गेहूं की खेती

झांसी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में उगने वाला कठिया गेहूं पूरे देश मे प्रसिद्ध है। योगी आदित्यनाथ सरकार कठिया गेहूं का उत्पादन करने वाले किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए कई तरह से उन्हें प्रोत्साहित कर रही है। झांसी में किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organization) बनाकर कठिया गेहूं के उत्पादन से जुड़े किसानों को इससे जोड़ा जा रहा है, जिससे कि उन्हें उपज का बेहतर मूल्य मिल सके। इसके साथ ही बुंदेलखंड के कठिया गेहूं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कवायद चल रही है।

loksabha election banner

जीआई टैग दिलाने में मदद

झांसी में कटिया वीट बंगरा प्रोड्यूसर लिमिटेड कंपनी का गठन कर योगी सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। कंपनी के माध्यम से कठिया गेहूं को जीआई टैग यानी जियोग्राफिकल इंडीकेटर (Geographical Indications) दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, जिससे बुंदेलखंड के कठिया गेहूं की पैदावार से जुड़े किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा दिलाया जा सके।

कठिया गेहूं की हो रही खूब पैदावार

जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग मिल जाने के बाद स्थानीय किसानों के उत्पाद को खास पहचान मिल जाएगी और बुंदेलखंड को कठिया गेहूं के उत्पादक क्षेत्र के रूप में पहचान दिलाने में मदद मिलेगी। कठिया गेहूं को प्रोत्साहित करने के लिए बनाये गए एफपीओ से अभी तक चार सौ अधिक किसान जोड़े गए हैं। झांसी में बंगरा, बामौर, गुरसराय, मऊरानीपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में किसान बड़ी संख्या में कठिया गेहूं की पैदावार करते हैं। इसके अलावा बुंदेलखंड के अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में किसान कठिया गेहूं की पैदावार से जुड़े हैं। एफपीओ के तहत कठिया गेहूं की बेहतर मार्केटिंग और इसके उत्पाद तैयार करने के भी प्रयास हो रहे हैं।

जीआई टैग मिलने से बढ़ेगी आमदनी

कटिया वीट बंगरा प्रोड्यूसर लिमिटेड कंपनी के निदेशक और कठिया गेहूं के उत्पादक नत्थू सिंह तोमर ने बताया कि झांसी के कई गांव में कठिया गेहूं की देसी किस्में उपजाई जाती हैं। सरकार इसकी खेती को बढ़ावा देना चाहती है। हम अपनी कंपनी के माध्यम से किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। हमने जीआई टैग के लिए पिछले वर्ष प्रक्रिया शुरू की थी और जल्द प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। झांसी के मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद ने बताया कि सरकार किसानों की आमदनी को दोगुना करना चाहती है। इस क्षेत्र में कठिया गेहूं की अच्छी पैदावार होती है और इसे प्रोत्साहित करने के लिए एफपीओ बनाया गया है।

स्वास्थ्य के लिए बहुत है लाभदायक

कठिया गेहूं की खेती बुंदेलखंड में पुरानी है। इसका उपयोग बिस्किट, सूजी, दलिया, उपमा आदि के रूप में किया जाता है। इस गेहूं में बहुत से गुण हैं। इसका दलिया खाने से गैस की बीमारी और अर्थराइटिस नहीं होता है। इसकी रोटी खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है। इसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, फाइबर, आक्सीडेंट होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.