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बंदरों को OHE लाइन पर चढ़ने से रोकने के लिए रेलवे ने निकाली तरकीब, खंभों पर लगेगी एंटी क्लाइम्बिंग डिवाइस

रेलवे की ओएचई को नुकसान पहुंचाने वाले बंदरों की संख्या अधिक है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए रेलवे ने बंदर बहुल इलाकों पर आने वाले ओएचई मास्ट पर बंदरों को चढ़ने से रोकने के लिए एंटी क्लाइम्बिंग डिवाइस लगाने का निर्णय लिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Mon, 07 Jun 2021 10:33 AM (IST)
बंदरों को OHE लाइन पर चढ़ने से रोकने के लिए रेलवे ने निकाली तरकीब, खंभों पर लगेगी एंटी क्लाइम्बिंग डिवाइस
रेलवे ओएचई को नुकसान पहुंचने से बंदरों को रोकने के लिए विशेष डिवाइस लगाने जा रहा है।

झांसी, जेएनएन। अब रेलवे ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई) को नुकसान पहुंचने से बंदरों को रोकने के लिए विशेष डिवाइस लगाने जा रहा है। झांसी मंडल के कानपुर और प्रयागराज मार्ग पर ओएचई को नुकसान पहुंचाने वाले बंदरों की संख्या अधिक है। अक्सर करंट लगने से यहां बंदरों की मौत भी हो जाती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए रेलवे ने बंदर बहुल इलाकों पर आने वाले ओएचई मास्ट पर बंदरों को चढ़ने से रोकने के लिए एंटी क्लाइम्बिंग डिवाइस लगाने का निर्णय लिया है।

झांसी मंडल रेलवे ने अधिकांश ट्रैक को विद्युतीकृत कर दिया है। बाकी जगह तो स्थिति ठीक है लेकिन कई इलाके ऐसे हैं जहां बंदरों की उछलकूद अधिक है। अक्सर ये बंदर ओएचई पर चढ़ जाते हैं और उसे नुकसान पहुंचाते हैं। एक साथ भारी संख्या में इनकी उछलकूद के चलते कई बार ओएचई लाइन टूट चुकी है। इतना ही नहीं ट्रेन और करंट की चपेट में आने से यहं बंदरों की भी मौत हो चुकी है।

इसी समस्या को रोकने के लिए मंडल ने लगभग 16 लाख रुपये की लागत से बंदर बहुल इलाकों में ओएचई के मास्ट पर एंटी क्लाइम्बिंग डिवाइस लगाने का टेंडर जारी किया है। नुकेले लोहे से बनी यह डिवाइस नीचे की ओर मास्ट के चारों को लगाई जाएगी, जिससे बंदर ओएचई के मास्ट के ऊपर नहीं चढ़ सकेंगे। बंदरों के अलावा यह उपकरण उन लोगों को भी रोकने के काम आएगा जो अक्सर ओएचई चोरी कर ले जाते हैं।

झांसी मंडल मुख्यालय को और अन्य बड़े स्टेशन के अलावा अनंतपेठ (ग्वालियर), चित्रकूट और उसके आसपास के इलाके, उरई, कालपी, पुखरायां के आसपास का क्षेत्र बंदरों से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इसी को रोकने के लिए अगले छह माह में एंटी क्लाइम्बिंग डिवाइस लगाए जाने की योजना है।