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हिंदूवादी नेता के दबाव में झांसी में ट्रेन से उतारी गई थीं दो ईसाई नन सहित चार महिला यात्री, बयान दर्ज

झांसी नहीं आ सकीं पीड़ित नन और ईसाई समुदाय की दो अन्य युवतियों ने वाट्सएप के माध्यम से अपने बयान दर्ज कराए हैं। उन्होंने कहा कि एबीवीपी कार्यकर्ता दिल्ली से झांसी तक उन्हें परेशान करते रहे। झांसी में हिंदू संगठन के नेता को बुलाकर उन्हें ट्रेन से उतरवा लिया गया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 11:53 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 11:59 PM (IST)
हिंदूवादी नेता के दबाव में झांसी में ट्रेन से उतारी गई थीं दो ईसाई नन सहित चार महिला यात्री, बयान दर्ज
झांसी नहीं आ सकीं नन और ईसाई समुदाय की दो युवतियों ने वाट्सएप के माध्यम से अपने बयान दर्ज कराए।

झांसी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर दो नन और दो युवतियों को जबरन ट्रेन से उतारे जाने के मामले में अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के चार कार्यकर्ता और हिंदूवादी संगठन के नेता भी आ गए हैं। स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण झांसी नहीं आ सकीं पीड़ित नन और ईसाई समुदाय की दो अन्य युवतियों ने वाट्सएप के माध्यम से अपने बयान दर्ज कराए हैं। उनका कहना था कि एबीवीपी कार्यकर्ता दिल्ली से झांसी तक उन्हें परेशान करते रहे। झांसी आने पर हिंदू संगठन के नेता को बुलाकर उन्हें ट्रेन से उतरवा लिया गया।

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उत्कल कलिंग एक्सप्रेस से राउरकेला जाने वाली युवतियों पर मतांतरण का आरोप लगाकर ट्रेन से उतारने की जांच कर रहे झांसी जीआरपी के एसपी सौमित्र यादव के अनुसार घटना का मुख्य आरोपित हिंदूवादी संगठन का नेता है। दिल्ली से लेकर झांसी तक इन युवतियों से ऊल-जुलूल सवाल किए गए। धर्म को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज मांगे गए। अब जीआरपी ने घटना के दिन ट्रेन के कोच में सफर कर रहे सभी यात्रियों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। एसपी सौमित्र यादव के अनुसार जांच रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जा रही है।

दहशत में बीमार हुईं दो नन : रेलवे जीआरपी व आरपीएफ भले ही महिला सुरक्षा की बात करे या ट्रेन में जागरूकता अभियान चलाए, लेकिन 19 मार्च को हुई घटना ने ट्रेन में महिलाओं की सुरक्षा के दावों की हवा निकाल दी है। उनके साथ यात्रा कर रहे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें इतना परेशान किया कि घटना के बाद नन लीबिया थोमस और हेमलता दहशत में बीमार पड़ गईं। बताया जाता है कि दोनों इस कदर दहशत में हैं कि उड़ीसा न जाकर झांसी से ही अपने घर दिल्ली वापस लौट गईं। वहीं, ट्रेनी नन श्वेता और बी. तरंग राउरकेला चली गईं।

नन को ट्रेन से उतारने का निर्णय जीआरपी का : पूरे विवाद का मुख्य केंद्र बने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के केंद्रीय कार्यालय ने अपना पक्ष रखा है। मुंबई कार्यालय से जारी पत्र में एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा है कि नन और उनके साथ आ रही युवतियों को ट्रेन से नीचे उतारने का निर्णय जीआरपी का था। उनके कार्यकर्ताओं ने संदेह के आधार पर शिकायत की थी। चुनावी लाभ लेने के लिए राजनीति के तहत एबीवीपी को बदनाम किया जा रहा है।

कांंग्रेस ने किया प्रदर्शन : मामले को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने रेलवे स्टेशन पर कार्यकताओं के साथ प्रदर्शन किया तथा अभी तक किसी की गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जताई।


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