रक्षामंत्री ने बुंदेलखंड की उम्मीदों को लगाये पंख कहा, विदेशी कंपनियों के साथ खड़े होंगे बुंदेली उद्यमी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डिफेंस कॉरिडोर केलिए बुंदेलखंड में बेहतर माहौल और उद्यमियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा किया।
झांसी (जेएनएन)। देश के सामने सुरक्षा की बड़ी चुनौती है, जिसे देखते हुए रक्षा उत्पाद में भारतीय उद्यमियों की सहभागिता बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में विदेशी कंपनियों का दबदबा रहता है। इसे कम करने और देशी उद्योगों का दखल बढ़ाने के लिए देश में दो डिफेंस कॉरिडोर स्थापित किए जा रहे हैं। चेन्नई के बाद यह दूसरा कॉरिडोर होगा, जहां रक्षा उत्पाद बनाए जाएंगे। हालांकि रक्षा क्षेत्र में 30 प्रतिशत घरेलू हिस्सेदारी होगी। इससे डिफेंस एक्सपो में विदेशी कंपनियों के साथ देशी कंपनियां भी खड़ी हो सकेंगी। यह बातें रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहीं। वह डिफेंस कॉरीडोर की आधारशिला कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आईं थी।
उन्होंने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा के बाद रक्षा मंत्रालय के अधिकारी के साथ प्रदेश सरकार के अधिकारी लगातार बैठक कर रहे हैं, जिसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं। छोटी इकाइयों के लिए यह बड़ा प्लेटफॉर्म साबित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डिफेंस कॉरिडोर केलिए बुंदेलखंड में बेहतर माहौल और उद्यमियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक्सप्रेस वे का भी कार्य शुरू होने जा रहा है। इससे औद्योगिक गलियारा विकसित होने से इस पिछड़े क्षेत्र का न केवल विकास होगा, बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर बुंदेलखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
उत्पाद खरीदने की होगी व्यवस्था
रक्षा मंत्री ने बताया कि डिफेंस कॉरिडोर में छोटी-छोटी इकाइयों का निवेश कराया जाएगा। यह इकाइयां रक्षा उत्पाद बनाएंगी, जिनसे उत्पाद खरीदने की व्यवस्था की जाएगी। इसे लेकर मंत्रालय में मंथन किया जा रहा है।
रक्षामंत्री निगरानी करेंगी
डिफेंस कॉरिडोर की विधिवत घोषणा के बाद अब गति देने की भी योजना बना ली गई है। कॉरिडोर में एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज व ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज भी विकसित की जाएगी। जमीन का नोटिफिकेशन जल्द किया जाएगा। रक्षामंत्री ने बताया कि मंत्रालय के अधिकारी लगातार इस पर काम करेंगे, और वह प्रति सप्ताह बैठक लेंगी। ये सभी काम उनकी निगरानी में होंगे।
ऐसे मिला डिफेंस कॉरिडोर
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि चेन्नई डिफेंस एक्सपो में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए। वहां अधिकांश विदेशी कंपनियों को देखकर उन्होंने आपत्ति जताई, जिसके बाद देश में दो डिफेंस कॉरिडोर स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ इन्वेस्टर समिट के लिए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को आमंत्रित करने गए, तो डिफेंस कॉरिडोर की जानकारी मिली। सीएम ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर बुंदेलखंड को यह सौगात देने की मांग रखी। जिसे तत्काल स्वीकार कर लिया गया। रक्षामंत्री ने बताया कि सिर्फ 20 दिन में डिफेंस गलियारे की रूपरेखा बनाई गई।