फोटो : 4 जेएचएस 3
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0 तकनीकी जाँच को पूरा करने में लग सकते हैं 2 महीने
0 ढाँचा तैयार, लेकिन सही तरह से नहीं हुयी फिटिंग
0 स्मार्ट सिटि और पुरातत्व विभाग के बीच एमओयू साइन होना बाकी
झाँसी : आवा़ज के साथ ही लाइट से सजीव चित्रों का वर्णन करते हुए महारानी लक्ष्मीबाई की गाथा को प्रस्तुत करने वाले कार्यक्रम लाइट ऐण्ड साउण्ड शो को देखने के लिए अभी और इन्त़जार करना होगा। ढाँचा तो तैयार हो गया है, लेकिन इसमें जिस नई तकनीक का उपयोग किया गया है, उसकी जाँच में लगभग 2 माह का समय लग सकता है।
किले के अन्दर अभी तक लाइट ऐण्ड साउण्ड शो का कार्यक्रम झाँसी विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तुत किया जाता था। इसमें साउण्ड के माध्यम से रानी की गाथा सुनायी जाती थी और लाइट के माध्यम से किले के मुख्य स्थानों को दिखाया जाता था। अब आधुनिक लाइट ऐण्ड साउण्ड की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटि को दी गयी है। किले के आमोद गार्डन में इसका पूरा सेटअप लग गया है। ट्रायल के तौर पर इसको चलाकर भी देखा गया है, लेकिन इसमें अभी वह बात नहीं आ सकी है, जो होनी चाहिए। दरअसल, अब साउण्ड के माध्यम से जहाँ रानी की गाथा सुनायी जाएगी तो वहीं लाइट के माध्यम से दीवारों पर चित्रण भी होगा। प्रोग्राम को देखने के लिए कितना शुल्क लगेगा, टिकिट की बिक्री से आने वाली धनराशि का वितरण स्मार्ट सिटि और पुरातत्व विभाग में कितना प्रतिशत होगा, जैसी शर्तो पर अभी तक दोनों विभागों के बीच एमओयू (मेमोरेण्डम ऑफ अण्डर स्टैण्डिंग) साइन नहीं हुए हैं। इस सम्बन्ध में स्मार्ट सिटि के सहायक नोडल अधिकारी/अपर नगर आयुक्त शादाब असलम ने बताया कि आधुनिक लाइट ऐण्ड साउण्ड का ढाँचा तो तैयार कर लिया गया हैं, लेकिन इसमें अभी तकनीकी काम बाकी है। इस पर कम्पनि काम कर रही है। उन्होंने बताया कि अभी और ट्रायल होंगे, जिसमें अभी लगभग 2 माह तक का समय और लग सकता है। माना जा रहा है कि अगले साल के पहले महीने में लोग लाइट ऐण्ड साउण्ड का आनन्द ले सकेंगे।
4 इरशाद-1
समय : 7.15 बजे
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