Move to Jagran APP

जूनियर्स की हड़ताल जारी, सीनियर्स का सेवाभाव भारी

फोटो 3 बीकेएस 9 झाँसी : बन्द पड़ा पर्चा कक्ष। ::: फोटो 3 बीकेएस 2 मरी़ज को देखते चिकित्सक।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 08:17 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 08:17 PM (IST)
जूनियर्स की हड़ताल जारी, सीनियर्स का सेवाभाव भारी

फोटो 3 बीकेएस 9

loksabha election banner

झाँसी : बन्द पड़ा पर्चा कक्ष।

:::

फोटो 3 बीकेएस 2

मरी़ज को देखते चिकित्सक।

:::

फोटो 3 बीकेएस 8

नारेबाजी करते जूनियर डॉक्टर्स।

:::

फोटो बीकेएस 1

इलाज न होने से मायूस लौटते मरीज।

:::

- मेडिकल कॉलिज के जूनियर डॉक्टर ने बन्द करवाये पर्चा काउण्टर

- वरिष्ठ चिकित्सकों ने हाथ से पर्चे बनाकर देखे मरी़ज

झाँसी : काउंसिलिंग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जोर पकड़ने लगी है। 2 दिन की शान्ति के बाद उन्होंने शुक्रवार से ओपीडी बन्द करने का फैसला किया। पर्चा काउण्टर भी बन्द करा दिये। इसके बाद सीनियर डॉक्टर ने अपने हाथ से न केवल पर्चे बनाये, बल्कि ओपीडी में बैठकर मरी़जों का उपचार भी किया।

रे़िजडेण्ट डॉक्टर्स असोसिएशन के आह्वान पर महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलिज के छात्र-छात्राएं हड़ताल पर हैं। उन्होंने शुरूआत में ओपीडी और इमरजेंसी सेवाओं को हड़ताल से मुक्त रखा, लेकिन पर्चा काउण्टर बन्द रखे। बाद में मरी़जों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये सांकेतिक कार्य बहिष्कार का एलान किया। इससे मेडिकल कॉलिज की सेवाएं निर्बाध रूप से चलती रहीं। शुक्रवार को जूनियर डॉक्टर एक कदम आगे बढ़ गये। उन्होंने अपने आन्दोलन का हिस्सा ओपीडी को बना लिया।

महज 92 पर्चे बन पाए

मेडिकल कॉलिज में प्रतिदिन की तरह पर्चा काउण्टर खुला और सैकड़ों लोगों की लाइन लग गयी। लगभग 45 मिनट में 92 पर्चे बन गये। इसी बीच जूनियर डॉक्टर ने पर्चा काउण्टर बन्द करवा दिया। यहाँ केवल बिलिंग का कार्य ही करने की अनुमति दी गयी।

कोसते रहे मरीज

मेडिकल कॉलिज में उपचार कराने आये मरी़जों को पर्चा काउण्टर बन्द होने से परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने जूनियर डॉक्टर के इस कार्य की भ‌र्त्सना भी की। जब उन्हें पता चला कि सीनियर डॉक्टर बिना पर्चा के भी मरीज देख रहे हैं तो वहाँ का रूख किया।

0 बबीना के खजराहा निवासी सुमन अपनी 7 वर्षीय बेटी सुनयना का उपचार कराने आयी थी। उसके शरीर में इन्फेक्शन हो गया है। पर्चा काउण्टर बन्द होने से वह निराश होकर लौट गयी। सुमन ने कहा कि जूनियर डॉक्टर की जो भी समस्याएं हैं उन्हें बड़े अधिकारियों या नेताओं को बतायें। इस तरह मरी़जों को परेशान करने की कोई तुक नहीं है।

0 रानीपुर से आये रामेश्वर के गले में दर्द की शिकायत है। उसे भी पर्चा न बनने से निराशा हुयी। उसने कहा कि वह इतनी दूर से उपचार कराने आया, लेकिन यहाँ आकर पता चला कि पर्चे नहीं बन रहे। कुछ लोगों ने उसे गले के डॉक्टर से मिलने की सलाह दी।

सीनियर्स ने नहीं मानी हार

एक तरफ जूनियर डॉक्टर कार्य बहिष्कार कर रहे हैं, वहीं सीनियर डॉक्टर मोर्चा सँभाले हैं। ओपीडी बाधित रखने का जूनियर डॉक्टर का एलान पहले दिन परवान नहीं चढ़ सका और डॉक्टर ने वहाँ मरी़जों का उपचार किया। अपने हाथ से सादे का़ग़ज पर पर्चे बनाये।

उग्र हो सकता हा आन्दोलन

जूनियर डॉक्टर ने अपने कार्य बहिष्कार से फिलहाल इमरजेंसी सेवाओं को मुक्त रखा है, लेकिन माँगें न माने जाने पर आन्दोलन को उग्र करने के भी संकेत दिये हैं। रे़िजडेण्ट डॉक्टर्स असोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. निखिल मिश्रा के नेतृत्व में शाम को कैण्डिल मार्च निकाला गया। जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि उनका एक साल बर्बाद होने को है। यदि उनकी काउंसिलिंग न हुयी तो वह आन्दोलन को ते़ज कर सकते हैं। ़जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी सेवाओं को भी बाधित करने से नहीं चूकेंगे।

फाइल : मुकेश त्रिपाठी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.