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जिन मासूमों की मन्नत उतारने जा रहे थे, हादसे ने उन्हीं की ले ली जान

़फोटो : 15 बीकेएस 20 झाँसी : मेडिकल कॉलिज में भर्ती महिलाएं। ::: फोटो : 15 बीकेएस 13 झाँसी :

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 09:03 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 09:06 PM (IST)
जिन मासूमों की मन्नत उतारने जा रहे थे, हादसे ने उन्हीं की ले ली जान

़फोटो : 15 बीकेएस 20

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झाँसी : मेडिकल कॉलिज में भर्ती महिलाएं।

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फोटो : 15 बीकेएस 13

झाँसी : अनिल को ढाढस बँधाती परिवार की महिला।

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फोटो : 15 बीकेएस 15

झाँसी : पोस्टमॉर्टम हाउस में शवों को ट्रक से उतारते परिजन व अन्य।

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झाँसी : ट्रैक्टर-ट्रॉली पलने की घटना ने पण्डोखर (दतिया) के भरे-पूरे परिवार को कभी न भूलने वाला जख्म दिया है। इस हादसे में जिन 4 मासूम बच्चों की मृत्यु हुई, उन्हीं में से 2 बच्चों के जन्म की मन्नत उतारने के लिए परिवार और रिश्तेदार झाँसी के ग्राम छिरौना जा रहे थे। पर, नियति को कुछ और ही मंजूर था। इस घटना का दर्द भले ही पण्डोखर गाँव में पसरा हो, लेकिन टीस हर दिल में उठ रही है।

मध्य प्रदेश के दतिया ़िजले के पण्डोखर निवासी अनिल व पवन के घर सुबह तक खुशियाँ पसरी हुई थीं। उनके घर जन्मे बच्चों ने इन खुशियों को और बढ़ा दिया था। अनिल के घर बिटिया कृषा और पवन के घर अभि ने कुछ दिन पहले ही जन्म लिया था। बताया गया है कि यह दोनों बच्चे झाँसी के ग्राम छिरौना स्थित माता मन्दिर की मन्नत से हुए थे। यही मन्नत उतारने के लिए शुक्रवार की सुबह अनिल व पवन का परिवार नाते-रिश्तेदारों के साथ जवारे लेकर छिरौना के लिए निकला। परिवार व कुटुम्ब के दो दर्जन सदस्य दो ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर पूजा के लिए निकले और रास्ते में एक ट्रैक्टर-ट्रॉली खाई में गिर गई। हादसे में 11 सदस्यों की मौत हो गई। इस हादसे में वह दोनों बच्चे भी काल के गाल में समा गए, जिनकी मन्नत उतारने के लिए पूरा कुनबा जा रहा था।

हे भगवान, मेरा पूरा परिवार छीन लिया, अब कौन मेरी अंगुली थामकर दुलार करेगी..

सड़क हादसे में अनिल ने अपनी माँ मुन्नी देवी, पत्‍‌नी पूजा के साथ उस मासूम को खो दिया, जिसके जन्म से वह बेहद खुश रहने लगा था। अनिल अपनी बेटी को बेहद प्यार करता था। हादसे में जब उसकी बेटी की मौत हो गई तो वह सुध-बुध खो बैठा। रोता-बिलखता अनिल बेटी कृषा का नाम ले-लेकर बार-बार होश खो रहा था। कुछ ऐसा ही हाल पवन और दूसरे रिश्तेदारों का भी था। लोग उसे ढाँढस बन्धा रहे थे, लेकिन अपना सर्वस्व खो देने वाले परिजनों को कुछ भी नहीं सूझ रहा था। अनिल तो बार-बार बस यही कह रहा था कि हे भगवान-अब कौन मेरी अंगुली थामकर दुलार करेगी।

माता के आशीर्वाद से हुए थे बच्चे

छिरौना निवासी माता के भगत मनोज दोहरे अपने घर में माता का मन्दिर बनाए हैं। माता की कृपा से कुछ समय पूर्व निशा के एक पुत्र हुआ था, तो पूजा के भी सन्तान हुई थी। इनकी मन्नत पूरी करने के लिए ही जवारे बोए गए थे, जिन्हें चढ़ाने सभी हर्षोल्लास के साथ मन्दिर जा रहे थे और हादसे का शिकार हो गए। पवन ने बताया कि उसकी ससुराल छिरौना में ही है। उसकी पत्‍‌नी निशा की आस्था शुरू से यहाँ थी। माता के आशीर्वाद से ही बच्चे हुए थे, लेकिन यह हादसा अब बच्चों को यादों में ही छोड़ गया।

मवेशी को बचाने में पलटी ट्रैक्टर-ट्रॉली

दुर्घटनाग्रस्त हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली के चालक ठाकुर दास ने बताया कि जब वे निवी गाँव पार करके छिरौना की ओर जा रहे थे, तभी रास्ते में एक मवेशी ट्रैक्टर के सामने आ गया। उसे बचाने में ट्रैक्टर असन्तुलित हुआ और सड़क किनारे पानी से भरी खन्ती में पलट गया। परिणाम स्वरूप इतना बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में ठाकुरदास भी घायल हो गया। उसका चिरगाँव में उपचार कराया गया।


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