ड्यूटि पर जाने से पहले आरपीएफ कर्मियों को देना होगा जेब में रखे पैसे का हिसाब
- ट्रेन में तैनात जवान अधिकतम 2 ह़जार और स्टेशन परिसर में तैनाती पर 700 रुपये रख सकते हैं - रेल सु
- ट्रेन में तैनात जवान अधिकतम 2 ह़जार और स्टेशन परिसर में तैनाती पर 700 रुपये रख सकते हैं
- रेल सुरक्षा बल के अधिकारी करेंगे जाँच, निर्धारित रकम से अधिक मिलने पर होगी भ्रष्टाचार की कार्यवाही
झाँसी : रेलवे के बुकिंग क्लर्क और अन्य वित्तीय कार्यो से जुड़े कर्मियों को ड्यूटि पर हा़िजरी के साथ ही जेब या पर्स में रखे पैसे का हिसाब रजिस्टर पर लिखना होता है कि उनकी जेब में ड्यूटि से पहले इतने रुपये हैं। यह हमेशा से चला आ रहा नियम है। लेकिन अब आरपीएफ के जवानों को भी अपनी जेब में रखे पैसे का हिसाब ड्यूटि पर जाने से पहले देना होगा। यदि किसी जवान के पास ड्यूटि के दौरान निर्धारित ऩकदी से अधिक रुपये पाए जाते हैं तो उन पर भ्रष्टाचार की कार्यवाही की जा सकती है। इसके लिए आरपीएफ ने कार्यक्षेत्र के हिसाब से रकम भी निर्धारित की है।
टिकट परीक्षक व बुकिंग क्लर्क की तरह अब रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों को भी ड्यूटि शुरू करने से पहले बताना होगा कि उनकी जेब में कितनी ऩकदी है। यदि उनके पास अधिक ऩकदी बरामद हुई तो विभागीय कार्यवाही की जाएगी। रेलवे में भ्रष्टाचार रोकने के लिए टीटीई (चल टिकट परीक्षक), आरक्षण व टिकट बुकिंग क्लर्क सहित पैसे के लेन-देन से सम्बन्धित कार्य करने वाले अन्य कर्मचारियों को ड्यूटि शुरू करने से पहले अपने पास उपलब्ध ऩकदी की जानकारी देनी होती है। ट्रेन में तैनात टीटीई को अधिकतम 2 ह़जार रुपये और प्लैटफॉर्म पर ड्यूटि करने वाले को डेढ़ ह़जार रुपये ऩकद अपने पास रखने की अनुमति होती है। इसी तरह के नियम अब आरपीएफ (रेल सुरक्षा बल) आरपीएसएफ और (रेलवे सुरक्षा विशेष बल) के जवानों पर लागू होंगे। इस व्यवस्था के तहत ट्रेन में तैनात जवानों को अधिकतम 2 ह़जार रुपये और रेलवे स्टेशन या अन्य रेल परिसर में ड्यटि देने वालों को अधिकतम साढ़े सात सौ रुपये अपने पास रखने का अधिकार होगा। ऐसा इसलिए किया गया है कि कई बार यात्री व अन्य लोग अवैध वसूली का आरोप लगाते हैं। पैसे लेकर अवैध तरीके से सामान बेचने वालों को ट्रेन में प्रवेश देने की भी यात्री शिकायत करते हैं। इसे ध्यान में रखकर यह नियम लागू किया गया है। इससे भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी। इसके लिए झाँसी मण्डल आरपीएफ में बाकायदा एक रजिस्टर बनाया गया है, जिसे सीडीआर (कैश डिक्लियर रजिस्टर) कहा जाता है। जिन आरपीएफ और आरपीएसएफ जवानों की ड्यूटि ट्रेन और स्टेशन परिसर में लगाई जा रही है, उनसे इस रजिस्टर पर उनकी पास मौजूद रकम का लिखित सत्यापन लिया जा रहा है।
हाफ कॉलम फोटो
इन्होंने कहा
'जिन जवानों की ड्यूटि ट्रेन व यात्रियों से सम्बन्धित स्थान पर लगाई जा रही, उन्हें सीडीआर रजिस्टर पर रकम लिखने के आदेश दिए गए हैं। किसी जवान के पास घोषित रकम से अधिक नकदी पाई जाती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।'
आलोक कुमार
मण्डल रेल सुरक्षा आयुक्त (झाँसी)