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पीएमओ पहुँचा रेलवे का गार्ड परीक्षा प्रकरण, खुल सकते हैं कई रा़ज

लोगो : जागरण एक्सक्लूसिव ::: - प्रधानमन्त्री कार्यालय से शिकायत करने वाले अधिकारी ने मण्डल के कई

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 01:00 AM (IST)
पीएमओ पहुँचा रेलवे का गार्ड परीक्षा प्रकरण, खुल सकते हैं कई रा़ज
पीएमओ पहुँचा रेलवे का गार्ड परीक्षा प्रकरण, खुल सकते हैं कई रा़ज

लोगो : जागरण एक्सक्लूसिव

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- प्रधानमन्त्री कार्यालय से शिकायत करने वाले अधिकारी ने मण्डल के कई अधिकारियों के ख़्िाला़फ परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार के सबूत होने का दावा किया है

झाँसी : पिछले साल मण्डल में आयोजित रेलवे गार्ड विभागीय परीक्षा का परिणाम आने के बाद रेलवे में अफरा-तफरी फैल गई थी। इसी दौरान एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें पूरी परीक्षा में गड़बड़ी की बात सामने आई थी। वहीं, रेल मण्डल ने इस मामले को सिरे से नकार दिया था, लेकिन अब यह मामला ज्वालामुखी बन गया है। बीते दिनों इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक अधिकारी ने प्रधानमन्त्री कार्यालय से की है। पीमएओ ने भी शिकायत को गम्भीरता से लिया है। सूत्र ने बताया कि मामले की जाँच विजिलेंस या दूसरी बड़ी जाँच एजेन्सी को सौंपी जा सकती है। बताया कि पत्र के साथ कई ऐसे साक्ष्य भी दिए गए हैं, जिनकी सत्यता सिद्ध होने पर मण्डल के कई बड़े अधिकारी नप जाएंगे।

रेलवे में प्रतिवर्ष विभागीय परीक्षा कराई जाती हैं, जिससे निचली पोस्ट पर काम कर रहे रेलकर्मियों को सीधे उच्च पद पर पहुँचने का मौके मिलता है। ऐसी ही एक परीक्षा 23 फरवरी 2020 को आयोजित की गई थी। इसका परिणाम 31 जुलाई 2020 में घोषित किया गया था। वहीं, परीक्षा परिणाम के साथ ही रेलवे की साख पर धब्बा लगाने वाला एक ऑडियो भी बाहर आया था। ऑडियो एक रेलकर्मी का बताया जा रहा था, जिसमें वह दूसरे रेलकर्मी से परीक्षा में पैसे लेकर भी पास न करा पाने की शिकायत कर रहा था। इस मामले ने तूल पकड़ा और रेलवे की खूब किरकिरी कराई, लेकिन मण्डल ने इस मामले को सिरे से ख़्ारिज कर दिया था। वहीं, एक बार फिर अब गार्ड परीक्षा का जिन्न बाहर आ गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रधानमन्त्री कार्यालय, रेल मन्त्री पीयूष गोयल और सीबीआइ को एक पत्र लिखकर खलबली मचा दी है। सूत्रों ने बताया कि पत्र पर पीएमओ ने गम्भीरता दिखाई है और जल्दी ही मामले की उच्च स्तरीय जाँच बिठाई जा सकती है। पत्र लिखने वाले अधिकारी ने कुछ दस्तावे़ज भी पीएमओ को भेजे हैं, जिनके आधार पर कहा गया है कि उक्त परीक्षा के फॉर्म परीक्षा से 2 साल पहले भरे गए थे। इसके बाद से ही रेलवे में कार्यरत एक दलाल ने आवेदकों से सम्पर्क किया और 3-3 लाख रुपये लेकर परीक्षा पास कराने का प्रलोभन दिया था। पत्र में दावा किया गया है कि पूरा पैसा इक्कठा करने का ़िजम्मा इलाहाबाद (प्रयागराज) में कार्यरत ऐसे अधिकारी को सौंपा गया था, जो चयन समिति में शामिल नहीं था। यह भी दावा किया है कि यदि चयनित रेलकर्मियों के बैंक खाते की जाँच की जाए तो सारी तस्वीर सा़फ हो जाएगी।

फाइल : वसीम शेख

समय : 08 : 20

22 जनवरी 2021


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