गुमनामी के अँधेरे से रोशनी बनकर उभर रहीं झाँसी की मल्लखम्भ मास्टर
फोटो : 17 बीकेएस 17, 18,19 व 20 ::: - विश्व स्तरीय मल्लखम्भ प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुकी
फोटो : 17 बीकेएस 17, 18,19 व 20
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- विश्व स्तरीय मल्लखम्भ प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं झाँसी की बालिकाएं
- अमेरिका में होने वाली मल्लखम्भ विश्व प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व करेंगी
झाँसी : कम ही लोग जानते हैं कि शक्ति, बुद्धि और विवेक पर आधारित मल्लखम्भ पूरी दुनिया में सबसे पुराना खेल है। वैसे तो यह खेल लोगों के लिए बेगाना हो चुका है, लेकिन दैनिक जागरण का इस खेल को फिर प्रोत्साहित करने के प्रयास का असर दिखने लगा है। इसी प्रयास का परिणाम है कि आज झाँसी में ऐसी बालिकाएं हैं, जिन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई को न केवल अपना आदर्श माना, बल्कि विश्व स्तर की मल्लखम्भ प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत कर यह सिद्ध दिया कि वह उस नगरी से आती हैं, जो वीरागना की नगरी के नाम से विश्वविख्यात है।
मल्लखम्भ भारत द्वारा इजाद किया गया व्यायाम है, जिसे भारत सरकार के खेल मन्त्रालय की सूची में शामिल किया जा चुका है। इस खेल की बदकिस्मती बस यह है कि यह अपने ही देश में बेगाना होता चला गया। अपनी धरोहर को सहेज कर रखने के लिए 'जागरण' के निदेशक यशोवर्धन गुप्त ने पहल की और आज विश्व स्तरीय मल्लखम्भ प्रतियोगिता की विश्व विजेता झाँसी की रहने वाली 20 वर्षीय छात्रा ऋतु प्रजापति बन चुकी हैं। ऋतु ने आज (17 नवम्बर) रानी लक्ष्मीबाई पार्क में ऐसे करतब दिखाए कि वहाँ मौजूद लोगों ने दाँतों तले उंगलियाँ दबा लीं। बताते चलें कि मल्लखम्भ को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 2011 में 'जागरण' के निदेशक यशोवर्धन गुप्त के संरक्षण व संजीव सरावगी की अध्यक्षता में ऐम्च्योर मल्लखम्भ असोशिएशन का गठन किया गया। संस्था के सचिव और ट्रेनिंग कोच रवि प्रकाश परिहार ने बताया कि तब से लेकर आज तक कई खिलाड़ी यहाँ से नैशनल और इण्टरनैशनल स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुके हैं। पिछले साल महाराष्ट्र में आयोजित विश्व मल्लखम्भ प्रतियोगिता में शहर की ऋतु प्रजापति ने देश के लिए गोल्ड मेडल, वर्ष 2020 में रिया साहू ने गोल्ड, एरियल सिल्क मल्लखम्भ में शिवानी पाठक ने गोल्ड व दीपशिखा कुशवाहा ने ताम्र मेडल जीतकर देश और झाँसी का नाम रोशन किया है। उल्लेखनीय है कि सिल्क मल्लखम्भ को लेकर लोगों में धारणा थी कि सिल्क पर केवल युवक ही प्रदर्शन करते हैं, लेकिन झाँसी की शिवानी ने इस वर्ग में गोल्ड जीतकर लड़कियों के लिए सिल्क पर करतब दिखाने का रास्ता खोल दिया।
6 महिला खिलाड़ियों को मिल रही स्कॉलरशिप
ऐम्च्योर मल्लखम्भ असोशिएशन से वर्तमान में 100 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं, जिनमें 30 लड़कियाँ व 70 लड़के शामिल हैं। बता दें कि युवतियों की प्रतिभा को देखकर खेल इण्डिया की तरफ से यहाँ की 6 लड़कियों को 1 लाख 20 ह़जार रुपए सालाना की स्कॉलरशिप दी जा रही है, जिससे की उनके खेल में किसी तरह की रुकावट न आए।
लोगो : झाँसी खेल
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मण्डल स्तरीय सीनियर पुरुष वर्ग का क्रिकेट ट्रायल 22 से
झाँसी : झाँसी डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट असोशिएशन (जेडीसीए) के जनसम्पर्क अधिकारी प्रशान्त सिंह ने बताया कि उप्र क्रिकेट असोसिएशन के टीम गठन हेतु झाँसी मण्डल (झाँसी, ललितपुर व महोबा) के अन्तर्गत पंजीकृत सीनियर पुरुष वर्ग रणजी ट्रोफी व अण्डर-23 आयु वर्ग के क्रिकेट खिलाड़ियों के प्रारम्भिक ट्रायल 22 व 23 नवम्बर को होंगे। ट्रायल भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलिज, उन्नाव बालाजी रोड निकट मारुति सर्विस सेण्टर पर सुबह 9 बजे से कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए होंगे। ट्रायल में वही खिलाड़ी भाग ले सकेंगे, जिन्होंने वर्ष 2020-21 सी़जन के लिए झाँसी डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट असोशिएशन के माध्यम से सीनियर पुरुष व अण्डर-23 वर्ग में अपना ऑनलाइन/ऑफलाइन पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि ट्रायल के लिए आने वाले खिलाड़ियों को अनिवार्य रूप से निर्धारित तिथि पर पंजीकरण के समय मिली रसीद लेकर व मास्क पहनकर आना होगा।
फाइल : वसीम शेख
समय 07 : 25
17 नवम्बर 2020