एक गाँव में सिमट गया 35 गाँवों का विकास!
हाल-ए-़िजला पंचायत :::: उदाहरण 1 : वॉर्ड-7 भोजला से रामजीशरण यादव (पप्पू यादव) ़िजला पंचायत सद
हाल-ए-़िजला पंचायत
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उदाहरण 1 : वॉर्ड-7 भोजला से रामजीशरण यादव (पप्पू यादव) ़िजला पंचायत सदस्य चुने गए। इनका मूल गाँव भोजला है तो इस वॉर्ड में विकास का पहिया भी इसी गाँव में अधिकांश घूमा। इस वॉर्ड में लगभग 30 से 35 गाँव शामिल हैं, लेकिन माननीय ने भोजला गाँव पर ही धनराशि उड़ेली। पिछले दिनों लगभग 1.5 करोड़ के काम भोजला में कराए गए, जबकि अन्य गाँवों में विकास का आँकड़ा लाखों में ही सिमट कर रह गया।
उदाहरण 2 : वॉर्ड 9 रक्सा में आलखण्ड ़िजला पंचायत सदस्य चुने गए। दातारनगर परवाई के रहने वाले आलखण्ड ने भी गृह गाँव पर ही विकास की अधिकांश धनराशि खर्च की। अपने घर व खेत के लिए लगभग 90 लाख की लागत से सड़क का निर्माण कराया, जबकि यह गाँव ग्वालियर व रक्सा फोर लेन से जुड़ा हुआ है। 12 लाख का एपेक्स का काम भी दातारनगर में कराया, जबकि अम्बावाय में कुछ काम कराए। अहम बात यह है कि रक्सा के नाम से वॉर्ड की पहचान है, लेकिन वहाँ कोई बड़ा काम नहीं कराया गया।
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0 गृह गाँव में ही काम करा रहे अधिकांश ़िजला पंचायत सदस्य
0 साल में प्रत्येक वॉर्ड पर लगभग 1 करोड़ रुपए की धनराशि की जाती है खर्च
0 एक वॉर्ड में शामिल होते हैं 30 से 35 गाँव
झाँसी : यह दो वॉर्ड तो विकास में किए जाने वाले भेदभाव के सिर्फ उदाहरण भर हैं। वरना, अधिकांश ़िजला पंचायत सदस्यों का फोकस उसी गाँव पर अधिक रहता है, जहाँ के वह रहने वाले होते हैं। प्रत्येक सदस्य को साल में एक से डेढ़ करोड़ की धनराशि अपने क्षेत्र में विकास करने के लिए मिलते हैं, लेकिन इनके प्रस्ताव में वॉर्ड के दूसरे गाँव गायब हो जाते हैं।
जनपद के ग्रामीण क्षेत्र में 24 वॉर्ड हैं, जिनमें हर 5 साल में ़िजला पंचायत सदस्यों का चुनाव किया जाता है। 8 से 9 लाख के मतदाता इन 24 सदस्यों को चुनते हैं। जनपद में 496 गाँव हैं, और मजरे मिलाएं तो कुल 818 गाँव हैं। एक ़िजला पंचायत सदस्य 30 से 35 गाँव का प्रतिनिधित्व करता है। इन गाँवों की जनता भी सदस्य का चयन इसलिए करती है, ताकि वह गाँव का विकास करे, लेकिन मतदाताओं की यह मंशा छलावा साबित हो रही है। दरअसल, अधिकांश ़िजला पंचायत सदस्य अपने गृह गाँव के विकास पर फोकस करते हैं, जबकि शेष गाँव विकास से अछूते रह जाते हैं। इन गाँव की जनता शिकायतें करती रहती है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं करता है।
सदस्यों के प्रस्ताव पर कराए जाते हैं काम
़िजला पंचायत को राज्य वित्त आयोग से लगभग 22.50 करोड़ रुपए की धनराशि मिलती है, जबकि 15वें वित्त आयोग से भी कुछ धनराशि मिलती है तो राजस्व वसूली से भी आय होती है। यह धनराशि ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर खर्च की जाती है। ़िजला पंचायत सदस्यों के अलावा अध्यक्ष व अन्य जनप्रतिनिधि प्रस्ताव देते हैं, जिन्हें बोर्ड के समक्ष रखा जाता है। स्वीकृति मिलने पर विकास कार्य कराए जाते हैं।
विभागों से लिया जाएगा हिसाब
0 ़िजला पंचायत बोर्ड की बैठक आज
झाँसी : ़िजला पंचायत बोर्ड की 29 अक्टूबर (गुरुवार) को होने वाली बैठक में इस बार शासकीय विभागों की घेराबन्दी की जाएगी। सदस्यों की माँग पर 22 विभागों के अधिकारियों को बैठक में बुलाया गया है।
़िजला पंचायत बोर्ड की बैठक में सदस्य प्रस्तावों के साथ विकास कार्य व पंचायत की आय बढ़ाने पर चर्चा करते हैं। शासकीय विभागों को भी बैठक में बुलाया जाता है, लेकिन अक्सर अधिकारी बैठक से गायब रहते हैं। यही कारण है कि कई बार सदस्यों को सही जानकारी नहीं मिल पाती है। सदस्यों ने इस बार सभी महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों को बैठक में बुलाने पर जोर दिया है, ताकि योजनाओं की समीक्षा की जा सके। अपर मुख्य अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि 22 विभागों को बैठक में आमन्त्रित किया गया है। बैठक दोपहर 12.30 बजे से होगी।
मेडिकल अवकाश पर गया बाबू, नहीं लिया चार्ज
झाँसी : ़िजला पंचायत के निर्माण विभाग में 20 साल से तैनात बाबू के स्थानान्तरण पर चल रहा चर्चाओं का दौर खत्म नहीं हो रहा है। तमाम शिकायतों के चलते बाबू का स्थानान्तरण उल्दन के छक्कीलाल गेड़ा इण्टर कॉलिज कर दिया था। अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में स्थानान्तरण होने के बाद बाबू मेडिकल अवकाश पर चला गया और चार्ज नहीं लिया। बताया जा रहा है कि उक्त बाबू स्थानान्तरण रुकवाने की जुगत भिड़ा रहा है।
फोटो : 28 जेएचएस 4
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कैप्शन
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झाँसी : नहर का पानी खोलते अधिकारी व किसान नेता
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सिल्ट स़फाई के विवाद से घिरी नहर में दौड़ा पानी
झाँसी : बिना टेण्डर सिल्ट स़फाई को लेकर विवादों में आई रानीपुर नहर में आज पानी छोड़ दिया गया। लगभग 56 किलोमीटर नहर की स़फाई पर 22 लाख रुपए की धनराशि खर्च करने का दावा किया गया है।
सपरार बाँध से निकली 56 किलोमीटर लम्बी रानीपुर नहर से 13 माइनर निकली हैं, जिनकी लम्बाई लगभग 60 किलोमीटर है। इस नहर से 79 गाँव की लगभग 12 ह़जार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है। शासन ने इस नहर की स़फाई के लिए 22 लाख रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई। सपरार प्रखण्ड ने बिना टेण्डर कराए ही सिल्ट की स़फाई शुरू करा दी। चहेते ठेकेदारों को फुल रेट पर 2-2 लाख के अनुबन्ध कर दिए। दावा है कि नहर की स़फाई का काम लगभग पूरा हो गया है। बुधवार को अधिशासी अभियन्ता रामशंकर राजपूत, सहायक अभियन्ता सौरभ श्रीवास्तव, अवर अभियन्ता नरेन्द्र कुमार के साथ भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष कमलेश लम्बरदार, उपाध्यक्ष अखिलेश लिटौरिया, राजाराम राजपूत व बीनू लम्बरदार की उपस्थिति में नहर में पानी छोड़ा गया।
दिव्यांगजनों को दिए जाएंगे उपकरण
झाँसी : ़िजलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण का वितरण एलिम्को कानपुर द्वारा वितरित किए जाएंगे। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए हैं। 6 से 10 नवम्बर के बीच ब्लॉकवार शिविर लगाकर दिव्यांगजनों को चिह्नित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 6 नवम्बर को बबीना ब्लॉक 7 को मऊरानीपुर ब्लॉक में मऊरानीपुर व बंगरा ब्लॉक, 9 को गुरसराय ब्लॉक में गुरसराय व बामौर ब्लॉक तथा 10 नवम्बर को चिरगाँव ब्लॉक सभागार में चिरगाँव, मोंठ व बड़ागाँव ब्लॉक के लिए शिविर का आयोजन किया जाएगा। शिविर प्रात: 8 से 5.30 बजे तक लगेगा, जिसमें एलिम्को कानपुर की टीम द्वारा दिव्यांगजनों का सहायक उपकरण के लिए चयन किया जाएगा।
दीपावली से पहले माँगा एरियर
झाँसी : उत्तर प्रदेशीय स़फाई कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मण्डल ने ़िजलाध्यक्ष धीरज चण्डारिया के नेतृत्व में नगर आयुक्त को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में दीपावली पर्व से पहले एरियर का भुगतान करने समेत 14 माँगें उठाई गई। इस अवसर पर लखनलाल, विकास वाल्मीकि, केशव वाल्मीकि, राजेश हवलदार, प्रताप उस्ताद, रानी केसले आदि उपस्थित रहे।
उद्योगों के निजीकरण पर जताया विरोध
झाँसी : भारतीय मजदूर संघ ने प्रधानमन्त्री को सम्बोधित 13 सूत्रीय माँग पत्र ़िजलाधिकारी को सौंपा। इसमें उद्योगों के निजीकरण पर रोक लगाने, रोजी-रोटी की गैरण्टि देने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने आदि माँगें शामिल की गई। इस अवसर पर रामलखन सिंह, अनिल, अवधेश सक्सेना, शत्रुघ्न सिंह, पुत्तु सिंह, ओपी शर्मा, इन्दू नारायण मिश्रा, वीर सिंह परिहार आदि उपस्थित रहे।
आवास सूची में नाम जोड़ने के लिए माँगे जा रहे 20 ह़जार
झाँसी : अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के ़िजलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में ग्राम पंचायत अस्ता ब्लॉक बामौर में सचिव द्वारा पात्र व्यक्तियों के नाम आवास सूची से हटाए जाने पर नारा़जगी जताई गई। बताया कि नाम फिर से सूची में शामिल करने के लिए 20 ह़जार रुपए की माँग की जा रही है। उन्होंने मामले जी जाँच कराते हुए कार्यवाही की माँग की है।
फाइल : राजेश शर्मा
28 अक्टूबर 2020
समय : 9 बजे