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सपा को लगा सियासी झटका

0 प्रधान संगठन के मण्डल अध्यक्ष ने पार्टी छोड़ी 0 द़र्जनों समर्थक प्रधान भी सपा को कह सकते हैं अलवि

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 06:06 AM (IST)
सपा को लगा सियासी झटका

0 प्रधान संगठन के मण्डल अध्यक्ष ने पार्टी छोड़ी

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0 द़र्जनों समर्थक प्रधान भी सपा को कह सकते हैं अलविदा

झाँसी : राजनैतिक वनवास काट रही समाजवादी पार्टी को बैठे-बिठाए झटका लग गया है। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के मण्डल अध्यक्ष प्रदीप यादव टाड़ा ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को त्याग पत्र भेजकर पार्टी में निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है।

वर्ष 2017 के चुनाव परिणाम को छोड़ दें तो सूबे की सत्ता में समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी की हनक दशकों से कायम है। 2007 में बसपा ने भारी बहुमत से सरकार बनाई तो 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने प्रचण्ड बहुमत प्राप्त किया, जबकि इससे पहले भी प्रदेश की राजनीति में सपा-बसपा का ही वर्चस्व रहा। जातीय राजनीति करने वाली यह दोनों ही पार्टियों की सबसे अधिक पकड़ ग्रामीण मतदाताओं में रही है। सहकारिता से लेकर ग्राम प्रधानी के चुनाव में समाजवादी पार्टी की दिलचस्पी हमेशा से ही अधिक रही है। यही वजह है कि सूबे में भले ही किसी की सरकार हो, लेकिन अधिकांश ग्राम प्रधान समाजवादी पार्टी के रहते हैं। ब्लॉक प्रमुख व ़िजला पंचायत सदस्य पद हथियाने में भी पार्टी जोर-आजमाइश करती है। ग्रामीण क्षेत्र के यही ब्लॉक प्रमुख, प्रधान, ़िजला पंचायत सदस्य विधान सभा चुनाव में पार्टी के मजबूत स्तम्भ साबित होते रहे हैं, लेकिन सपा का यह गणित भी अब बिखरने लगा है। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन व अखिल भारतीय यदुवंशी महासभा के मण्डल अध्यक्ष प्रदीप यादव टाड़ा ने समाजवादी पार्टी की सक्रिय सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में अब निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अहमियत नहीं है। सूत्रों का कहना है कि प्रधान संगठन के मण्डल अध्यक्ष प्रदीप यादव के समर्थक दर्जनों प्रधान भी समाजवादी पार्टी को बाय-बाय कह सकते हैं।

8 साल पहले द़र्जनों प्रधानों के साथ सपा में हुए थे शामिल

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश संगठन मन्त्री रहे प्रदीप यादव ने वर्ष 2004 में बहुजन समाज पार्टी का दामन था। वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव से पहले वह द़र्जनों प्रधानों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। इसके बाद से ही वह सपा के लिए काम करते रहे हैं। प्रधान संगठन के मण्डल अध्यक्ष होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति में गहरा दखल है।

सभी फोटो हाफ कॉलम

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इन्होंने कहा

'समाजवादी पार्टी से लोग जुड़ रहे हैं। दूसरे दलों से भी लोग सपा में आ रहे हैं। प्रधान संगठन के मण्डल अध्यक्ष प्रदीप यादव के त्याग पत्र की जानकारी नहीं है। प्रदीप को अगर पार्टी के किसी निर्णय से नारा़जगी थी तो संगठन को जानकारी देनी चाहिए थी।'

0 महेश कश्यप, ़िजलाध्यक्ष सपा

'प्रदीप यादव को पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए थी, क्योंकि पार्टी छोड़ना समस्या का हल नहीं है। यदि उन्हें पार्टी के किसी ़फैसले से परेशानी थी तो संगठन को बताना चाहिए था, ताकि समस्या का समाधान कराया जाता।'

0 डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव, राज्यसभा सांसद

'प्रदीप यादव प्रधान संगठन के साथ समाजवादी पार्टी में भी सक्रिय भूमिका निभाते थे। यदि उन्हें कोई परेशानी थी तो राष्ट्रीय अध्यक्ष व स्थानीय नेताओं को अवगत कराना चाहिए था। उनसे बात करेंगे और कोशिश करेंगे कि पार्टी को उनकी सेवाएं मिलती रहें।'

0 दीप नारायण सिंह यादव, पूर्व विधायक

फाइल : राजेश शर्मा

6 अगस्त 2020

समय : 7 बजे


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