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बेसमेण्ट में व्यवसाय पर गिरेगी गाज

0 न्यायालय का आदेश मिलते ही सख्त हुआ शासन 0 प्रमुख सचिव ने कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए झाँ

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 06:11 AM (IST)
बेसमेण्ट में व्यवसाय पर गिरेगी गाज

0 न्यायालय का आदेश मिलते ही सख्त हुआ शासन

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0 प्रमुख सचिव ने कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए

झाँसी : मानचित्र में पार्किंग के लिए बेसमेण्ट दर्शाकर व्यवसायिक गतिविधियाँ संचालित करने वालों पर जेडीए की निगाह टेढ़ी हो गई है। न्यायालय के आदेश पर शासन ने फरमान सुनाया तो जेडीए ने एक सप्ताह में बेसमेण्ट खाली करने का अल्टिमेटम जारी कर दिया है। इसके बाद भी पार्किंग के लिए बेसमेण्ट के खाली न होने पर सम्बन्धित भवन को को सील किए जाने की कार्यवाही की जाएगी।

महानगर का स्वरूप ते़जी से बदल रहा है। आबादी के साथ ़जरूरतें भी बढ़ रही हैं। सबसे बड़ी दिक्कत भूमि के अभाव ने खड़ी की है। दरअसल, महानगर के विकास का दायरा इलाइट चौराहा से चारों ओर महज 2 से 3 किलोमीटर में सिमट गया है। यहाँ ़जमीन का एक टुकड़ा भी खाली मिलना मुश्किल है। आवासीय व व्यवसायिक ़जरूरतों को पूरा करने के लिए मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स, व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स, अपार्टमेण्ट कॉम्प्लेक्स बनाने का चलन भी ते़जी से बढ़ा है। इलाइट चौराहा, सीपरी बा़जार, शहर के अन्दरूनी क्षेत्रों में इस समय कई बिल्डिंग बन रही हैं या पूर्ण हो गई हैं। इनमें से कई के मानचित्र स्वीकृत हैं तो कई बिल्डर्स ने इसकी परवाह ही नहीं की है। ऐसी कई बिल्डिंग मिल जाएगी, जिसमें मानचित्र के मानकों को नजरन्दा़ज किया गया है। अधिकांश लोगों ने बिल्डिंग में बेसमेण्ट का निर्माण कराया है, जिसका उपयोग पार्किंग के लिए करने का दावा मानचित्र में किया है। सच्चाई इससे कोसों दूर है। अपवाद के रूप में एक-दो बिल्डिंग को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी बिल्डिंग्स के बेसमेण्ट का उपयोग व्यवसायिक गतिविधियों में किया जा रहा है। इससे बिल्डिंग स्वामी को तो बड़ा लाभ होता है, लेकिन जनता के हिस्से में ढेरों मुसीबतें आ जाती है। चूँकि बड़ी बिल्डिंग अगर आवासीय है, तो कई परिवार उसमें रहेंगे और व्यवसायिक है तो अलग-अलग प्रतिष्ठान खुलेंगे और उपभोक्ताओं का आना-जाना होगा। ऐसे में पार्किंग की जगह सुनिश्चित न होने पर यह वाहन सड़क पर खड़े किए जाते हैं, जिससे जैम की समस्या बन जाती है। पार्किंग स्थल पर अतिक्रमण से होने वाली ट्रैफिक की समस्या को लेकर उच्च न्यायालय में राधा रानी सिंह बनाम उप्र राज्य के बीच वाद चला, जिसमें उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को पार्किंग के उपयोग को लेकर कड़ाई से नियमों का अनुपालन कराने के निर्देश दिए। न्यायालय के आदेश पर शासन सख्त हो गया है। प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने प्रदेश के सभी ़िजलाधिकारी, आवास आयुक्त, उपाध्यक्ष, विकास प्राधिकरण को पत्र जारी कर मानचित्र में चिह्नित पार्किंग के अवैध उपयोग पर कड़ी कार्यवाही करने तथा पार्किंग स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कराने तथा बेसमेण्ट में पार्किंग दर्शाकर व्यवसायिक गतिविधियाँ करने वालों पर कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। शासन का फरमान मिलते ही जेडीए ने सर्वे के निर्देश दे दिए हैं। विभाग ने एक सप्ताह में पार्किंग स्थल व बेसमेण्ट खाली करने की चेतावनी दी है, जिसके बाद कार्यवाही की जाएगी।

इन्होंने कहा

'मानचित्र में पार्किंग स्थल दिखाकर उसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। बेसमेण्ट में भी व्यवसायिक गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं। उच्च न्यायालय के निर्देश पर शासन ने ऐसे प्रतिष्ठानों पर कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इनका सर्वे कराया जा रहा है। 1 फरवरी तक पार्किंग स्थल व बेसमेण्ट खाली न करने वाले भवनों के खिलाफ सीलिंग की कार्यवाही की जाएगी।'

0 सर्वेश कुमार दीक्षित, उपाध्यक्ष, जेडीए

फाइल : राजेश शर्मा

23 जनवरी 2020

समय : 7.15 बजे


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