गेहूँ ख़्ारीद : टॉप-3 में झाँसी मण्डल
0 बरेली के साथ प्रथम स्थान पाने की जोरआ़जमाइश 0 अब तक 33 ह़जार एमटी से अधिक हो चुकी ख़्ारीद झाँस
0 बरेली के साथ प्रथम स्थान पाने की जोरआ़जमाइश
0 अब तक 33 ह़जार एमटी से अधिक हो चुकी ख़्ारीद
झाँसी : प्राकृतिक आपदाओं से जार-जार बुन्देलखण्ड से इस बार हैरान करने वाले परिणाम सामने आ रहे हैं। गेहूँ ख़्ारीद में झाँसी मण्डल प्रदेश के 18 मण्डलों में दूसरे पायदान पर खड़ा हो गया है। प्रथम स्थान बरेली का है, लेकिन अन्तर केवल 1 ह़जार एमटी का ही है।
किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए भारत सरकार के निर्देश पर 1 अप्रैल से क्रय केन्द्र खोलकर गेहूँ ख़्ारीद प्रारम्भ कर दी गई थी। मॉनसून में अच्छी बारिश होने के कारण अच्छी पैदावार का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन झाँसी मण्डल में शुरूआत धीमी हुई। झाँसी, ललितपुर व जालौन जनपद में 278 क्रय केन्द्र खोले गए, लेकिन शुरूआती 10 दिन में 133 केन्द्रों पर गेहूँ ख़्ारीद का खाता भी नहीं खुल पाया, जिससे अधिकारियों के माथे पर बल पड़ने लगे। फिर ऐसी ते़जी आई कि केन्द्रों पर किसानों की कतार लग गई। खाद्य विभाग के अनुसार 18 अप्रैल तक झाँसी मण्डल 33,207 मीट्रिक टन गेहूँ की ख़्ारीद कर प्रदेश में दूसरे स्थान पर आ गया है, जबकि बरेली 34,204 मीट्रिक टन गेहूँ ख़्ारीद के साथ शीर्ष पर है और लखनऊ 17,076 मीट्रिक टन गेहूँ ख़्ारीद कर तीसरे स्थान पर है।
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2 मण्डलों ने ख़्ारीदी प्रदेश में आधी गेहूँ
प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में एक साथ गेहूँ ख़्ारीद प्रारम्भ की गई। अब तक प्रदेशभर में 1.34 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की ख़्ारीद की गई है, जिसमें से बरेली व झाँसी मण्डल ने ही आधी ख़्ारीद की। इन दोनों मण्डलों ने अब तक 67,411 मीट्रिक टन गेहूँ की ख़्ारीद की है।
इन्होंने कहा
'प्रदेश के 18 मण्डलों में चल रही गेहूँ ख़्ारीद में झाँसी मण्डल दूसरे स्थान पर पहुँच गया है, जबकि बरेली प्रथम स्थान पर है। गेहूँ ख़्ारीद में तेजी आने से जल्द ही झाँसी प्रथम स्थान पर आ जाएगा। मॉनसून में अच्छी बारिश होने के कारण शासन द्वारा तय लक्ष्य के अनुरूप गेहूँ की ख़्ारीद कर ली जाएगी।'
0 नरेन्द्र कुमार, सम्भागीय खाद्य नियन्त्रक
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पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबन्धक नदारद
0 बोरों की किल्लत होने से गेहूँ की ख़्ारीद प्रभावित
0 उधारी में लेने पड़ीं बोरों की गाँठें
0 आरएफसी ने पीसीएफ के एमडी को लिखा पत्र
झाँसी : गेहूँ ख़्ारीद में सबसे अहम भूमिका निभाने वाली पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबन्धक एक सप्ताह से अनुपस्थित चल रहे हैं। न बैठकों में जा रहे हैं और न वित्तीय काम हो पा रहे हैं। स्थिति यह बनी कि पीसीएफ को उधर में बोरों की गाठें लेनी पड़ी हैं। आरएफसी ने एमडी पीसीएफ को पत्र लिखकर क्षेत्रीय प्रबन्धक के पद पर किसी अन्य अधिकारी की तैनाती करने का अनुरोध किया है।
लोकसभा चुनाव होने के कारण इस समय अधिकारियों का फोकस गेहूँ ख़्ारीद पर है। इसमें ़जरा-सी चूक चुनाव में मुद्दा बन सकती है। पर, गेहूँ ख़्ारीद में सबसे अहम भूमिका निभाने वाली पीसीएफ का ढर्रा इस बार भी पटरी से उतरा हुआ है। मण्डल में सबसे अधिक क्रय केन्द्र पीसीएफ के ही खोले जाते हैं, तो ख़्ारीद के बाद क्रय केन्द्र से गोदाम तक गेहूँ पहुँचाने की ़िजम्मेदारी भी इसी विभाग की होती है, लेकिन पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबन्धक गेहूँ ख़्ारीद प्रक्रिया को मझधार में छोड़कर अवकाश पर चले गए हैं, जिससे विभाग का वित्तीय लेन-देन भी ठप पड़ गया है। बताया गया कि पिछले दिनों क्रय केन्द्रों पर बोरों की कमी पड़ गई, लेकिन क्षेत्रीय प्रबन्धक की अनुपस्थिति में बोरों की ख़्ारीद नहीं हो सकी, जिसका असर गेहूँ ख़्ारीद पर पड़ने लगा। हालात बिगड़ने पर ़िजला प्रबन्धक पीसीएफ वीके सिंह ने आरएफसी को स्थिति से अवगत कराया। आरएफसी की पहल पर पीसीएफ को उधार 25 ह़जार बोरे उपलब्ध कराए गए। इस पूरे मामले की शिकायत आरएफसी नरेन्द्र कुमार ने एमडी पीसीएफ से की है। एमडी को लिखे पत्र में उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल तक पीसीएफ द्वारा लगभग 5 ह़जार मीट्रिक टन गेहूँ ख़्ारीदा गया, लेकिन डिलिवरि महज 1 ह़जार मीट्रिक टन की हो सकी है। प्रमुख सचिव खाद्य विभाग ने वीडियो कॉन्फरेन्सिंग के माध्यम से गेहूँ ख़्ारीद की समीक्षा की, जिसमें भी क्षेत्रीय प्रबन्धक पीसीएफ रामजी कुशवाहा गैर हाजिर रहे। उन्होंने गेहूँ ख़्ारीद में आ रही अड़चनों को देखते हुए पीसीएफ में क्षेत्रीय प्रबन्धक के पद पर अन्य अधिकारी को तैनात अथवा सम्बद्ध करने का अनुरोध किया है, ताकि गेहूँ ख़्ारीद निर्विघ्न रूप से सम्पन्न हो सके।
फाइल : राजेश शर्मा
19 अप्रैल 2019
समय : 7 बजे