क्रिटिकल बूथ का नए सिरे से सर्वे
0 भारत निर्वाचन आयोग के मानक पर एसडीएम करेंगे सर्वे झाँसी : जनपद में क्रिटिकल व वल्नरबिलिटि बूथ के
0 भारत निर्वाचन आयोग के मानक पर एसडीएम करेंगे सर्वे
झाँसी : जनपद में क्रिटिकल व वल्नरबिलिटि बूथ के चयन को नए सिरे से सर्वे किया जा रहा है। भारत निर्वाचन आयोग के तय निर्देश का पालन नहीं होने पर ़िजला निर्वाचन अधिकारी ने सभी उप ़िजलाधिकारियों को स्वयं सर्वे करने को कहा है।
भारत निर्वाचन आयोग ने क्रिटिकल व वल्नरबिलिटि बूथ के चयन को मानक तय किए हैं। इसी के अनुसार बूथ का चयन किया जाएगा। क्रिटिकल बूथ में 75 से 90 फीसदी तक मतदान, बूथ का पुराना इतिहास तथा सबसे कम वोटिंग को आधार बनाया गया है। इसी आधार पर क्रिटिकल बूथ तय किए जाएंगे। इसके आलावा जातीय तनाव, वर्तमान सत्ता के सापेक्ष जातीय आँकड़ों तथा दबंगई की स्थिति आदि के आधार पर वल्नरबिलिटि बूथ का चयन किया जाएगा। आयोग के निर्देश के बाद बूथ के चयन के बाद क्रिटिकल बूथ की स्थिति तो यथावत रहेगी, लेकिन वल्नरबिलिटि कम करने के लिए पुलिस व प्रशासन संयुक्त रूप से अभियान चलाएंगे, जिससे मतदाता स्वतन्त्र व निष्पक्ष मतदान कर सकें। विभागीय जानकारों के अनुसार पहले चरण में आयी रिपोर्ट में क्रिटिकल व बल्नरबिल बूथ की संख्या 300 से अधिक आयी थी, लेकिन आयोग के निर्देशों व मानक का पालन नहीं किया गया था। इसीलिए दोबारा सर्वे किया जा रहा है।
कम वोटिंग वाले बूथ पर स्वीप अभियान
भारत निर्वाचन आयोग ने पिछले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में कम मतदान वाले बूथ का चयन कर स्वीप अभियान चलाने को कहा है। इसके तहत जनपद में सबसे कम मतदान वाले बूथ का चयन किया जा रहा है, जिनमें चुनाव पाठशाला के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए साक्षर किया जाएगा। इसके अलावा इण्टर कॉलिज व डिग्री कॉलिज में साक्षरता निर्वाचन क्लब के माध्यम से मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
आज बटेंगी चुनाव ड्यूटि
झाँसी : मुख्य विकास अधिकारी/प्रभारी अधिकारी (कार्मिक) निखिल टी. फुण्डे ने बताया कि लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 में राज्य व केन्द्र सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों की मतदान कार्मिक के रूप में ड्यूटि लगायी गयी है। इसके नियुक्ति पत्र 18 मार्च को प्रात: 9 बजे से नवीन विकास भवन सभागार में वितरित किए जाएंगे। उन्होंने सभी विभागाध्यक्ष व कार्यालयाध्यक्षों को विशेष वाहक को भेजकर अपने विभाग व कार्यालय से कभी कार्मिकों के ड्यूटि पत्र प्राप्त कराकर उनकी तामीली रसीद 19 मार्च की अपराह्न 3 बजे तक वापस देने को कहा है।
लोगो : दद्दा कहिन
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फोटो : 17 बीकेएस 103
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अब तो बहुत सकून
झाँसी : 9 साल की आयु में देश की आ़जादी देखने वाले 81 वर्षीय अब्दुल रहमान बताते हैं कि पढ़ाई पूरी करने के बाद बस स्टैण्ड पर बुकिंग क्लर्क का काम मिल गया। यहाँ से उनको राजनैतिक महौल मिला और वो कौंग्रेस के लिए काम करने लगे। इस दौरान उनकी मोहसिना किदवई से मुलाकात हुई और वो उनके नजदीक आ गए। 1977 में कांग्रेस हार गयी, जिससे इन्दिरा गाँधी का मनोबल टूट गया था। मोहसिना किदवई ने उनको हिम्मत दिलायी और अगले चुनाव में कौंग्रेस को जीत हासिल हुई। इस पर वो अपने साथियों के साथ इन्दिरा गाँधी के आवास पर बारूदी गोले चलाने के लिए गए थे, लेकिन वहाँ लगी सिक्योरिटी ने मना कर दिया। इस पर उन्होंने इन्दिरा गाँधी के राजनैतिक सचिव आरके धवन से बात की, तो उन्होंने इन्दिरा जी से बात की। उन्होंने स्वीकृति दे दी, जिस पर उन्हें 11 गोलों से सलामी दी थी। इसके बाद इन्दिरा गाँधी खुली जीप से हाथ हिलाते हुए निकल गयी थी। उन्होंने बताया कि उस समय प्रचार के लिए न तो टीवी थी और न ही आज के हिसाब से अखबार। प्रचार के लिए हम लोग दिन में झुण्ड बनाकर जनसम्पर्क के लिए निकलते थे, रात में घरों की दीवार पर नील और गेरू से प्रचार लिख देते थे। माइक पर दिन-रात ढोल-मजीरों के साथ प्रचार किया जाता था, जिससे लोग ढंग से सो भी नहीं पाते थे। अब चुनाव में काफी सुकून रहता है। भला हो पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टीएन शेषन का, जिन्होंने चुनाव प्रचार पर तमाम तरह की पाबन्दी लगा दी, जिससे अब न तो दीवारें गन्दगी होती हैं और न ही कोई रात भर प्रचार का हो-हल्ला।
फाइल : रघुवीर, इरशाद
समय : 7.35
17 मार्च 19