ऑनलाइन नहीं दिख रहा गृहकर
0 सर्वे के बाद बिल जारी, एनजीओ को दी बाँटने की ़िजम्मेदारी 0 कई पुराने मकानों का गृहकर कम हो गया,
0 सर्वे के बाद बिल जारी, एनजीओ को दी बाँटने की ़िजम्मेदारी
0 कई पुराने मकानों का गृहकर कम हो गया, तो नए का बढ़ गया
झाँसी : गृहकर सर्वे शुरु होने व क्षेत्रवार दरों में बढ़ोत्तरी होने से कई भवन स्वामी असमंजस में हैं। उन्हें यह पता नहीं चल पा रहा है कि उनके भवन पर कितना गृहकर आरोपित हुआ है। नगर निगम ने नए बिल भेजने शुरु कर दिये हैं, लेकिन यह ऑनलाइन नहीं दिख रहे।
नगर निगम ने महानगर में गृहकर का सर्वे कराया, तो भवनों की संख्या लगभग 1 लाख 15 ह़जार हो गयी। सभी पर क्षेत्र के हिसाब से गृहकर आरोपित कर दिया गया। सर्वे के बाद आरोपित गृहकर ऑनलाइन फीड करने के साथ ही उसकी कॉपी सम्बन्धित गृहकर लिपिक के टेबिल पर रख दी गयी थी। जिन लोगों के भवनों पर ज्यादा गृहकर आरोपित हो गया था, उन्होंने आपत्तियां लगायी थीं, जिनकी सुनवाई हो चुकी है। अब सर्वे के हिसाब से बिल का वितरण एक एनजीओ के माध्यम से कराया जा रहा है। अब लोगों की शिकायत है कि गृहकर ऑनलाइन नहीं दिख रहा है। इस सम्बन्ध में अपर नगर आयुक्त (राजस्व) रोहन सिंह ने बताया कि बिल का वितरण शुरु हो गया है। नगर निगम की वेबसाइट (जेएनएनजेएचएएनएसआइ.सीओएम) मेण्टेनेंस के कारण बन्द चल रही है। उन्होंने बताया कि उन ही भवनों का ही गृहकर बढ़ा है, जिनके भवन में और निर्माण कार्य हो गया है। क्षेत्रवार बिल जारी किए जा रहे हैं। गृहकर की दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। इसके साथ ही 20 साल से ज्यादा पुराने वालों को गृहकर में 40 फीसदी, 10 से 20 साल के बीच वाले भवनों को 32 प्रतिशत और 10 साल से कम वाले भवनों को 25 प्रतिशत छूट दी गयी है। उन्होंने बताया कि इससे कई पुराने भवनों पर गृहकर पहले से कम हो गया है, तो उन भवनों पर गृहकर बढ़ गया है, जिनका और निर्माण कार्य हो गया है। ऐसे भवनों पर पहले से ढाई गुना तक अधिक गृहकर आरोपित हो गया है।
स्टोर का चार्ज लेने से हाथ खड़े कर रहे लिपिक!
0 आदेश के 10 दिन बाद भी सम्बद्ध नहीं हुआ कोई
0 ऩजारत और स्टोर लिपिक के पद पर असमंजस
झाँसी : नगर निगम के कई महत्वपूर्ण पटल पर काम करने के बाद सेवानिवृत्त होने जा रहे नजारत व स्टोर इंचार्ज उमेश पाण्डेय का काम नगर आयुक्त ने बाँट तो दिया है, लेकिन स्टोर का चार्ज लेने में लिपिक हाथ खड़े कर रहे हैं। इस पद को लेकर जो आदेश हुआ है, उसमें भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। यही वजह है कि आदेश हुए 10 दिन हो गए, लेकिन कोई भी लिपिक अभी तक सम्बद्ध नहीं हुआ है। इसके साथ ही कई लिपिकों के पटल में भी परिर्वतन किया गया है।
नगर आयुक्त प्रताप सिंह भदौरिया ने 11 फरवरी को आदेश जारी किया था। इसमें बताया ऩजारत लिपिक उमेश पाण्डेय 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। नजारत का कार्य काफी महत्वपूर्ण होता है और सामग्री के साथ-साथ काफी पत्रावलियाँ होती हैं। प्रशासनिक दृष्टिकोण से कार्यहित में लिपिक/मुहर्रिर राजेन्द्र नाथ यादव को अपने कार्य के साथ ऩजारत लिपिक का कार्य एवं कार्यशाला लिपिक/मुहर्रिरबृजमोहन मिश्रा को अपने कार्य के साथ मार्ग प्रकाश स्टोर लिपिक का कार्य देते हुए तत्काल प्रभाव से सम्बद्ध करने के आदेश दिए थे। विभाग में ऩजारत और सामान स्टोर का पद अलग-अलग होने पर जहाँ असमंजस की स्थिति बनी हुई है, तो अभी तक कोई सम्बद्ध नहीं हुआ है। इसके साथ ही लिपिक शशिबाला नायक को पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में लिपिकीय कार्य के साथ कर विभाग में लिपिकीय कार्य दिया गया है। इसी प्रकार माया गुप्ता को संयुक्त नगर आयुक्त कार्यालय से सम्बद्ध के साथ कर विभाग, अशोक वाल्मीकि को सम्पत्ति विभाग के साथ कर विभाग व सहायक सदन लिपिकीय कार्य, शंशाक तिवारी को लेखा विभाग खजाँची के साथ सर्किल 4 स्वास्थ्य विभाग के अधिष्ठान लिपिक का कार्य, प्रमोद यादव को कर विभाग के साथ पार्किंग पत्रावलियों का काम, सौरभ सोनी को कर विभाग के साथ सभी व्यवसायिक भवनों का लिपिकीय कार्य, साधना खरे को कर विभाग के साथ सम्पत्ति विभाग, शिवम श्रीवास्तव को वाद विभाग के साथ विज्ञापन विभाग व राहुल भदौरिया को जनकार्य विभाग के लिए लिपिकीय कार्य के साथ 11 वॉर्ड्स के विकास कार्य की पत्रावलियों का प्रभार सौंपा गया है।
20 इरशाद-2
समय : 9.05 बजे