झाँसी-बीना चौथी रेललाइन की डीपीआर पर मोहर
- डेढ़ साल में तैयार सर्वे रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड ने दी 'हरी झण्डी' - इसी ट्रैक पर तीसरी लाइन बिछा
- डेढ़ साल में तैयार सर्वे रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड ने दी 'हरी झण्डी'
- इसी ट्रैक पर तीसरी लाइन बिछाने का चल रहा है काम
- दिल्ली-मुम्बई तक बनेगी फ्रेट कॉरिडोर का माध्यम
झाँसी : रेल बजट में घोषित झाँसी-बीना चौथी लाइन अब धरातल पर उतरने को तैयार है। इस लाइन का सर्वे पूर्ण कर डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) रेलवे बोर्ड को भेजी गयी थी, जिसको बोर्ड ने स्वीकृत कर दिया है। यह नयी रेललाइन जब भी बनकर तैयार होगी, दिल्ली-मुम्बई रेलमार्ग पर पैसिंजर व गुड्स ट्रेनों की आवाजाही बहुत आसानी बना देगी। यह फ्रेट कॉरिडोर का एक माध्यम साबित होगी।
झाँसी-बीना रेलमार्ग पर ट्रेनों की खासी आवाजाही होने के कारण रेल लाइन्स की व्यस्तता ट्रेनों की लेटलतीफी का कारण बन जाती है। पैसिंजर ट्रेस इतनी अधिक हैं कि मालगाड़ियों का निर्बाध संचालन बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में इस सेक्शन पर तीसरी रेललाइन की आवश्यकता महसूस हुई। 152 किलोमीटर लम्बे इस ट्रैक पर नयी रेललाइन के लिए 2000 करोड़ रुपए से अधिक स्वीकृत किये गये, जिस पर काम चल रहा है। इसके बाद रेलवे ने ट्रेन को समय पर चलाने के लिए फ्रेट कॉरिडोर (मालगाड़ियों के लिए अलग लाइन) की परिकल्पना की। इसके तहत व्यस्ततम रेल मार्गो पर लाइन की क्षमता बढ़ाने की योजना तैयार की गयी। दिल्ली-मुम्बई जैसे व्यस्ततम ट्रैक पर पड़ने वाले झाँसी-बीना सेक्शन को इसके लिए भी चुन लिया गया। वर्ष 2017 के रेल बजट में झाँसी-बीना के बीच चौथी रेललाइन की घोषणा की गयी। इसके सर्वे के लिए 1.30 करोड़ रुपए दिये गये थे, जिसके बाद सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया। लगभग डेढ़ साल तक चले सर्वे के बाद रेलवे अधिकारियों ने प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेज दी। डीपीआर में इसे सम्भव बताया गया, जिसके बाद बोर्ड ने इसे फाइनल कर दिया है। अब जल्द ही इस पर भी काम शुरू कराया जा सकता है। मण्डल रेलवे के जनसम्पर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मथुरा से धौलपुर के बीच चौथी लाइन पर काम शुरू हो चुका है। झाँसी-बीना चौथी लाइन के लिए बोर्ड से स्वीकृति मिल गयी है, अब कुछ औपचारिकताओं के बाद इस पर भी काम शुरू कराया जाएगा।
झाँसी-बीना सेक्शन पर बनेगा सबसे बड़ा पुल
झाँसी-बीना तीसरी रेललाइन का काम चल रहा है, इसके बीच में बबीना के पास पड़ रही बेतवा नदी पर इस सेक्शन का सबसे बड़ा पुल बनाया जाएगा। इसके लिए सर्वे आदि का काम पूरा हो चुका है। यह पुल चौथी लाइन की स्वीकृति को भी ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा।
टीकमगढ़-खजुराहो ट्रैक का रहेगा लोड
झाँसी-बीना लाइन पर नये बने टीकमगढ़-खजुराहो ट्रैक का भी बोझ है। शुरूआत में झाँसी-खजुराहो पैसिंजर ही इस ट्रैक पर चल रही थी, पर बाद में भोपाल-खजुराहो महामना सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी इस ट्रैक पर चला दी गयी है। धीमे-धीमे इस ट्रैक पर ट्रेनों का विस्तार होना ही है, ऐसे में तीसरी व चौथी लाइन ही इस बढ़े हुए ट्रैफिक का बोझ कम कर सकती है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि तीसरी लाइन बनने के बाद इस ट्रैक पर ट्रेनों की संख्या बढ़ायी जाएगी, ताकि लोगों को इसका सही फायदा मिल सके।
फाइल : हिमांशु वर्मा
समय : 7.15 बजे
18 नवम्बर 2018