पत्नी की हत्या पर आजीवन कारावास
0 पुत्र ने दी थी पिता के ख़्िाला़फ तहरीर झाँसी : ़िजला व सत्र न्यायाधीश निसामुद्दीन ने पत्नी की हत
0 पुत्र ने दी थी पिता के ख़्िाला़फ तहरीर
झाँसी : ़िजला व सत्र न्यायाधीश निसामुद्दीन ने पत्नी की हत्या का आरोप सिद्ध होने पर आजीवन कारावास व 20 ह़जार रुपए अर्थदण्ड की स़जा सुनायी है। अर्थदण्ड न देने पर अभियुक्त को 3 वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए ़िजला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मनीष सिंह यादव ने बताया कि थाना कटेरा के लारौन निवासी रमेश आदिवासी ने 24 जून 2010 को पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उसके माता-पिता खेत पर गए थे। दोपहर बाद गाँव की राजकुँवर ने बताया कि उसके पिता धनीराम ने उसकी माँ कुसुमा को कुल्हाड़ी से मार दिया। इस पर वह खेत पर पहुँचा, तो देखा उसकी माँ खून से लथपथ पड़ी है और पिता धनीराम कुल्हाड़ी लेकर भाग रहा है। पुलिस ने धनीराम के ख़्िाला़फ धारा 302 के तहत मु़कदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया। धनीराम को अपनी पत्नी के चरित्र पर सन्देह था।
दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को 10 वर्ष कठोर कारावास की स़जा
झाँसी : अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो ऐक्ट सुरेन्द्र कुमार सिंह (द्वितीय) ने नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास का आरोप सिद्ध होने पर वृषभान उर्फ बौरे को 10 कठोर कारावास तथा जुर्माना की स़जा सुनायी।
अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए सहायक ़िजला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) संजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि एक व्यक्ति ने थाना टोड़ीफतेहपुर पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि 24 सितम्बर को अपराह्न 3 बजे वृषभान उसके घर आया और टाँड से फंट्टी उतरवाने के बहाने उसकी साढ़े छह वर्ष की पुत्री को अपने घर ले गया और उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। पीड़िता चिल्लाई, तो माँ-बाप को बताने पर मारने की धमकी देते हुए भाग गया। पीड़िता ने डर के वजह से दूसरे दिन अपनी माँ को घटना बतायी। पुलिस ने पीड़िता का बयान लिया, लेकिन मु़कदमा दर्ज नहीं किया। बाद में उच्चाधिकारियों के आदेश से धारा 376, 511, 506 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। अदालत ने पीड़िता के बयान व साक्ष्य के बाद दुष्कर्म के प्रयास का दोषी पाया। उसे धारा 376, 511 में 10 वर्ष कठोर कारावास व 20 ह़जार रुपए अर्थदण्ड, अर्थदण्ड न देने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 506 में एक वर्ष के कठिन कारावास व 5 ह़जार रुपए अर्थदण्ड, न देने पर 3 माह अतिरिक्त, पॉक्सो ऐक्ट की धारा 3/18 के अपराध के लिए 10 वर्ष के कठोर कारावास व 20 ह़जार रुपए अर्थदण्ड, न देने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास की स़जा सुनायी। साथ ही अभियुक्त को धारा 357(3) सीआरपी के तहत एक लाख रुपए मुआवजा में पीड़िता को देने का आदेश भी दिया। इससे आरोपी की सम्पत्ति से राजस्व की बकाया की भाँति वसूल किया जाएगा। सभी स़जाएं एक साथ चलेंगी तथा जुर्माना में से 50 फीसदी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी।
चरस रखने पर 1 वर्ष 3 माह की स़जा
झाँसी : अपर सत्र न्यायाधीश/फास्ट ट्रैक कोर्ट संजय कुमार सिंह ने मादक पदार्थ रखने का आरोप सिद्ध होने पर 1 वर्ष 3 माह की स़जा सुनायी है। अर्थदण्ड न देने पर एक माह अतिरिक्त कारावास की स़जा सुनायी। सहायक ़िजला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) भान प्रकाश सिरबैया ने बताया कि प्रेमनगर पुलिस ने भूपेन्द्र उर्फ भोपा को धारा 18/20 एनडीपीएस ऐक्ट के तहत गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। पुलिस ने 20 सितम्बर 2011 को रात 8.30 बजे खातीबाबा के पास पुलिया नाला पर मोटरसाइकिल से पुलिया नम्बर नौ निवासी भूपेन्द्र उर्फ भोपा को गिरफ्तार कर उसके पास 400 ग्राम चरस बरामद की थी। स़जा में जेल अवधि भी समायोजित होगी।
फाइल : रघुवीर शर्मा
समय : 8.10
15 नवम्बर 18