1 साल में दूनी होगी किसानों की आय
फोटो : 30 एसएचवाई 28 ::: - डीजीपी (तकनीकि सेवाएं) ने 1500 किसानों को समझाए वर्षा जल संचयन के मोद
फोटो : 30 एसएचवाई 28
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- डीजीपी (तकनीकि सेवाएं) ने 1500 किसानों को समझाए वर्षा जल संचयन के मोदी मॉडल्स
- कहा- सरकार पर न रहें निर्भर, सामूहिक श्रमदान से दूर करें समस्या
झाँसी : पैरामेडिकल कॉलिज में शुक्रवार से आयोजित होने वाले कृषक प्रशिक्षण शिविर से पहले आज डीजीपी (तकनीकि सेवाएं) महेन्द्र मोदी किसानों से रू-ब-रू हुए। विभिन्न प्रदेशों से आए किसानों को उन्होंने खुद के बनाए गए वर्षा जल संचयन मॉडल्स की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने खुद व सामूहिक प्रयास के भरोसे अपनी मदद करने की बात कहकर किसानों में उत्साह भर दिया।
पैरा मेडिकल कॉलिज सभागार में उन्होंने किसानों को यह समझाया कि कैसे बगैर या बहुत कम खर्च से इस प्रकार की व्यवस्था की जा सकती है, जिससे पानी की कमी न हो। शुरूआत उन्होंने तालाब व महेन्द्र कूप (कुँआ) के उस मॉडल से की, जिसे एक खास डि़जाइन से तैयार कर वर्षा जल को वाष्पीकृत होने से बचाया जा सकता है। इस स्थिति में तालाब या कुँआ सूखेगा नहीं और उसमें पानी उपलब्ध रहेगा। वर्षा जल का इससे अच्छा उपयोग नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि उनका मॉडल पीएसी में लागू हो रहा है। यहाँ 4 तालाबों का एक सेट बनाया जा रहा है। इसका 75 फीसदी कार्य पूरा हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे पीएसी में लगे 14 हैण्डपम्प सामूहिक प्रयास से पुनर्जीवित हो गए। गौशाला की छत से सीधे हौदे में गोवंश के लिए पानी की व्यवस्था करने वाले मॉडल की उन्होंने किसानों को विस्तार से जानकारी दी। कहा कि इससे एक बहुत बड़ी समस्या खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को आय दोगुनी करने के लिए 2022 तक इन्त़जार करने की कोई ़जरूरत नहीं है। इन मॉडल्स को अपनाकर 1 साल में वे ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने किसानों को स्पष्ट किया कि सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, सामूहिक प्रयास बेहतर परिणाम देगा, यह तय मानकर चलिए। 25 रुपए का सरकारी काम 1 रुपए में करने की बात उन्होंने कही, जिससे किसान खासे प्रभावित हुए। उन्होंने बहुमं़िजला इमारत की छत से पूरे साल शुद्ध जल बगैर किसी खर्च के प्राप्त करने का मॉडल विस्तार से समझाया।
किसानों की जिज्ञासा दूर की
लगभग ढाई घण्टे चले कार्यक्रम में डीजीपी (तकनीकि सेवाएं) ने हिमाचल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड आदि राज्यों से आये किसानों के सवालों का उत्तर दिया। तकनीक कैसे लागू की जाए, यह समझाने के साथ ही यह भी बताया कि इसके फायदे का उनकी आमदनी पर असर कितना होगा। सवाल-जवाब के सिलसिले में यह भी पता चला कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाके में भी पानी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। इसे कैसे दूर करने के उपाय की जानकारी उन्होंने किसानों को दी।
प्रणाम
अन्य
छात्र मिलन समारोह
राजकीय इण्टर कॉलिज में 17वां वार्षिक छात्र मिलन समारोह शाम 5 बजे।
खेलकूद प्रतियोगिता
भानी देवी गोयल इण्टर कॉलिज में खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारम्भ अपराह्न 3.30 बजे।
फाइल : हिमांशु वर्मा
समय : 10.10 बजे
20 सितम्बर 2018