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3 महाविद्यालयों को थमाए नोटिस

0 मास्टर डेटा लॉक करने के बाद जमा नहीं की हार्ड कॉपी 0 सैकड़ों बच्चों की छात्रवृत्ति पर आया संकट

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 01:00 AM (IST)
3 महाविद्यालयों को थमाए नोटिस

0 मास्टर डेटा लॉक करने के बाद जमा नहीं की हार्ड कॉपी

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0 सैकड़ों बच्चों की छात्रवृत्ति पर आया संकट

0 3 दिन का अल्टिमेटम

झाँसी : 3 महाविद्यालयों व इनसे जुड़े औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र (आइटीआई) की जरा सी लापरवाही ने यहाँ पढ़ने वाले विद्यार्थियों की मुश्किल बढ़ा दी है। इन संस्थानों ने अब तक मास्टर डेटा की हार्ड कॉपी जमा नहीं की है। अधिकारी जाँच करने कॉलिज पहुँचे, तब भी कॉपी उपलब्ध नहीं कराई। अब इन्हें नोटिस थमाते हुए 3 दिन का अल्टिमेटम दिया गया है।

छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत विद्यार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करने होते हैं, तो विद्यालयों को भी कोर्स की फीस, विद्यार्थियों की संख्या के अलावा स्टाफ व अन्य विवरण ऑनलाइन फीड करना होता है। उच्च शिक्षा की छात्रवृत्ति के लिए 30 सितम्बर तक आवेदन करने की तिथि तय की गई है, जबकि विद्यालयों को 7 अगस्त तक मास्टर डेटा लॉक कर समाज कल्याण विभाग को हार्ड कॉपी उपलब्ध करानी थी, ताकि दिए गए विवरण का परीक्षण कराया जा सके। जनपद के 146 महाविद्यालयों, आइटीआई ने 7 अगस्त तक मास्टर डेटा फीड कर दिया, लेकिन 3 शिक्षण संस्थानों ने हार्ड कॉपी उपलब्ध नहीं कराई। इन्हें लगातार पत्र लिखे गए, लेकिन कॉलिजिज ने सुध नहीं ली। शुक्रवार को ़िजला समाज कल्याण अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार व ़िजला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमित प्रताप सिंह ने तीनों शिक्षण संस्थानों की जाँच की। कॉलिज प्रशासन ने माँगने पर भी मास्टर डेटा की हार्ड कॉपी नहीं दी। ़िजला समाज कल्याण अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने तीनों महाविद्यालयों व इनसे जुड़े दो आइटीआई को नोटिस देते हुए 17 सितम्बर तक मास्टर डेटा की हार्ड कॉपी उपलब्ध न कराने पर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना से वंचित करने की चेतावनी दी है। अगर, ऐसा होता है, तो इन शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों को इस वर्ष छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति से हाथ धोना पड़ सकता है।

बॉक्स.

शुल्क प्रतिपूर्ति में हो सकती है कटौती

अब तक विद्यालय कोर्स की तय फीस का विवरण मास्टर डेटा में उपलब्ध कराते थे, जिसके सापेक्ष ही सरकार द्वारा शुल्क प्रतिपूर्ति की जाती थी। इस वर्ष से सरकार ने नॉन रिफण्डेबल अनिवार्य शुल्क के साथ ट्यूशन फीस का अलग से कॉलम रखा है। दरअसल, कॉलिज द्वारा क्रीड़ा शुल्क समेत अन्य कई शुल्क अभिभावकों से लिए जाते हैं, जबकि सबसे अधिक शुल्क ट्यूशन फीस के रूप में लिया जाता है। माना जा रहा है कि सरकार अब विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में सिर्फ ट्यूशन फीस वापस कर सकती है। हालाँकि इस सम्बन्ध में अब तक कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। उधर, अधिकांश कॉलिज भी ट्यूशन फीस के कॉलम में गलत सूचनाएं दर्ज कर रहे हैं, जिससे विभाग की मुश्किल बढ़ गई है।

इन्होंने कहा

'जनपद के 3 महाविद्यालयों व इनसे जुड़े आइटीआई ने अब तक मास्टर डेटा की हार्ड कॉपी नहीं दी। कॉलिज की जाँच करने पर भी हार्ड कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई। इन महाविद्यालयों को नोटिस दिया गया है। 17 सितम्बर तक अगर कॉलिज कॉपी उपलब्ध नहीं कराते हैं, तो इनका मास्टर डेटा लॉक नहीं किया जाएगा, जिससे यहाँ पढ़ने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल सकेगी।'

0 धर्मेन्द्र कुमार, ़िजला समाज कल्याण अधिकारी

फाइल : 2 : राजेश शर्मा

14 सितम्बर 2018

समय : 5.25 बजे


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