सन्तुलित आहार बचाएगा कुपोषण से
0 राष्ट्रीय पोषण माह के तहत महिलाओं व बच्चों को हाथ धोने के लिए प्रेरित किया झाँसी : राष्ट्रीय पोष
0 राष्ट्रीय पोषण माह के तहत महिलाओं व बच्चों को हाथ धोने के लिए प्रेरित किया
झाँसी : राष्ट्रीय पोषण माह-2018 के अन्तर्गत जनपद के स्कूलपुरा आँगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को कुपोषण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं द्वारा जागरूकता रैली व संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान हाथ धोने के तरीकों से अवगत कराया गया। रैली के दौरान बच्चों ने 'पूरा पोषण-पूरा प्यार, हर बच्चे का है अधिकार' का नारा लगाया।
हेमन्ती देवी (आँगनबाड़ी कार्यकत्री) ने महिलाओं को कब और कैसे हाथ धोना चाहिए, इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छता बहुत ़जरूरी है। स्वच्छ जीवन शैली एवं सन्तुलित आहार ही व्यक्ति को कुपोषण और बीमारियों से बचाता है। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वह अपने बच्चों को हाथ धो कर खाना खिलाने की आदत डालें। इससे दस्त एवं निमोनिया जैसी बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एकीकृत बाल विकास सेवा योजना के अन्तर्गत चलाये जा रहे इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों में कुपोषण के दर में कमी लाना व माताओं को बच्चों की देखभाल के प्रति सक्षम बनाना है। आँगनबाड़ी कार्यकत्री त्रिवेणी देवी ने स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत बच्चों एवं महिलाओं को हाथ धोने के 6 तरीके सिखाये।
काव्य गोष्ठी
झाँसी : शास्त्री विश्व भारती संस्कृति शोध, संस्थान के तत्वावधान में स्व. डॉ. शकुन्तला शास्त्री को समर्पित मासिक काव्य संगोष्ठी त्रिभुवन नाथ त्रिवेदी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। मुख्य अतिथि सत्येन्द्र पाल सिंह व विशिष्ट अतिथि अखिलेश नारायण त्रिपाठी, मदन मानव, प्रताप नारायण दुबे आदि रहे। माँ वीणा वादिनी की वन्दना से काव्य संगोष्ठी का शुभारम्भ हुआ। इस दौरान दिनेश गुरुदेव, कृष्ण मुरारी श्रीवास्तव, गया प्रसाद वर्मा, प्रमोद चन्द्र शर्मा, रामस्वरूप त्रिपाठी, प्रेम कुमार गौतम, नियाज महोबी, रामप्रकाश शर्मा, अरुण द्विवेदी, बीबी दीक्षित सहित अन्य कवि व शायरों ने काव्यांजलि प्रस्तुत कर डॉ. शकुन्तला शास्त्री को श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस दौरान उस्मान अश्क, सुमन मिश्रा, बृजलता मिश्रा, सुखराम चतुर्वेदी, केके द्विवेदी, शील कोपरा, सुभाष चन्द्र, दीपक यादव, कौशल कुमार, सन्दीप, रविन्द्र शर्मा आदि उपस्थित रहे। सुखराम चतुर्वेदी ने संचालन व डॉ. नीति शास्त्री ने आभार व्यक्त किया।
जीवन में आध्यात्म का प्रवेश बहुत ़़जरूरी
झाँसी : 'भव्य जीव प्रतिदिन चेहरे को दर्पण में निहारते हैं। दर्पण यदि मैला या दागदार होता है, तो चेहरा भी सा़फ नहीं दिखाई पड़ता है। हिलोरे ले रहे पानी में भी चेहरा सा़फ नहीं दिखाई पड़ता है। यदि पानी शान्त और सा़फ-सुथरा हो जाए, तो हमारा चेहरा इसमें स्पष्ट दिखाई पड़ता है। इसी तरह जीवन में आध्यात्म के प्रवेश और पुरुषार्थ से परिणाम शान्त हो जाये, तो आत्मतत्व का ज्ञान सम्भव है।' यह सद्वचन करगुवाँ जी में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आर्यिका पूर्णमति ने कहे।
आत्म चिन्तन शिविर आज से
पर्वराज पर्यूषण के उपलक्ष्य में आर्यिका पूर्णमति के सानिध्य में 14 से 23 सितम्बर तक आत्म चिन्तन शिविर का आयोजन जैन तीर्थ करगुवाँ जी में किया जा रहा है। इस शिविर में 1 ह़जार से अधिक जैन श्रद्धालु भाग लेंगे। यह जानकारी प्रवीण कुमार जैन ने दी है।
नरेन्द्र प्रताप सिंह
समय 7.30
13 सितम्बर 18