राजघाट का जलस्तर 3 मीटर बढ़ा
- मध्य प्रदेश में हुई बारिश ने दिखाया असर, बेतवा का बढ़ा वेग - 4 मीटर जलस्तर और बढ़ते ही माताटीला
- मध्य प्रदेश में हुई बारिश ने दिखाया असर, बेतवा का बढ़ा वेग
- 4 मीटर जलस्तर और बढ़ते ही माताटीला के लिए खोल दिए जाएंगे गेट
झाँसी : मध्य प्रदेश में 2 दिन तक लगातार हुई झमाझम बारिश ने बाँधों को फिर उम्मीद दे दी है। 24 घण्टे के दरम्यान बेतवा ने उछाल मारी है, जिससे राजघाट बाँध का जलस्तर 3 मीटर तक बढ़ गया है। पानी का वेग फिलहाल कम होने लगा है, लेकिन आसमान में छाई घटाएं अगले दिनों के लिए सुखद संकेत दे रही हैं।
उत्तर प्रदेश में फैले बुन्देलखण्ड की सिंचाई व पेयजल व्यवस्था काफी हद तक उन बाँधों पर निर्भर रहती है, जिन्हें भरने की ़िजम्मेदारी मध्य प्रदेश से आने वाले पानी की होती है। झाँसी में पानी भले ही कम गिरे, लेकिन बेतवा से जुड़े क्षेत्र में अगर पानी बरसता है, तो बाँध भर जाते हैं और यहाँ की पेयजल व सिंचाई की समस्या का काफी हद तक निदान हो जाता है। पिछले 4 साल से ऐसा ही हो रहा है। झाँसी व आसपास औसत से आधी बारिश हो रही है, लेकिन बाँध लबालब रहने से जलापूर्ति व्यवस्था प्रभावित नहीं हो पाई। जल स्तर गिरने से पेयजल का संकट बढ़ा, लेकिन नहरों पर निर्भर खेतों तक पानी पहुँचता रहा। अब हालात बिगड़ने के मुहाने पर खड़े हैं। जून माह सूखा निकलने के बाद जुलाई के पहले पखवाड़े में भी पानी नहीं बरसा, तो लोगों की चिन्ता बढ़ गई। तलहटी तक सूखे बाँधों को भी पानी के लिए तरस गए। पर, मध्य प्रदेश ने एक बार फिर बाँधों को उम्मीद दे दी है। बताया गया कि पिछले 2 दिन से मध्य प्रदेश के भोपाल, विदिशा, सागर व बीना में झमाझम बारिश हुई, जिससे बेतवा का वेग बढ़ गया। नदी में दौड़ा डेढ़ लाख क्यूसिक पानी 18 जुलाई की सुबह से राजघाट में पहुँचना शुरू हुआ, तो रात तक पानी के बहाव की यही गति बनी रही। इससे राजघाट का जलस्तर ते़जी से बढ़ने लगा। 18 जुलाई को राजघाट का जलस्तर 361 मीटर पर था, जो 19 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक 364 मीटर को पार कर गया। राजघाट बाँध पर तैनात सहायक अभियन्ता डीएल शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश का पानी समेट कर ला रही बेतवा का वेग कम हुआ है, लेकिन अब भी 1 लाख क्यूसिक से अधिक पानी राजघाट में समा रहा है। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में राजघाट का जलस्तर 368 मीटर रखने का मानक है, जिसके बाद गेट खोल दिए जाएंगे और माताटीला बाँध को भरने का सिलसिला प्रारम्भ हो जाएगा। माना जा रहा है कि अगले 2-3 दिन अगर मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश हो जाती है, तो माताटीला बाँध को भी पानी मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी।
पिछले साल सितम्बर में भरा था राजघाट
मॉनसून ने भले ही इस बार भी देर से बुन्देलखण्ड में दस्तक दी हो, लेकिन आसमान में छाई घटा और मध्य प्रदेश से आ रहे पानी ने बाँधों को ऊर्जा दे दी है। पिछले वर्ष तो हालात और भी ख़्ाराब थे, तब मॉनसून समाप्त होने तक बाँध खाली थे। सितम्बर माह के दूसरे पखवाड़े में मध्य प्रदेश से आए पानी के वेग ने बेतवा पर निर्भर सभी बाँधों को भरा था।
कण्ट्रोल रूम से निगरानी
मॉनसून में उफान मारने वाली बेतवा व अन्य नदियों पर निगरानी रखने के लिए बेतवा प्रखण्ड में कण्ट्रोल रूम खोला गया है। यहाँ से नदियों में दौड़ रहे पानी की हर पल की रिपोर्ट ली जा रही है। दरअसल, एकाएक पानी बढ़ने से कई बार नदियाँ तटबन्ध तोड़ देती हैं, जिससे पानी नजदीकी गाँवों में प्रवेश कर जाता है। कण्ट्रोल रूम की निगरानी से किसी भी ख़्ातरे को देखते हुए ग्रामीणों को सतर्क किया जा सकता है।
फाइल : 1 : राजेश शर्मा
19 जुलाई 2018
समय : 5.30 बजे