सिर्फ पानी पीकर गार्ड व ड्राइवर्स ने चलायीं ट्रेन
- किलोमीटर भत्ते में बढ़ोत्तरी की माँग को लेकर कर रहे हैं भूख हड़ताल - रनिंग स्टाफ के वेटिंग रूम व
- किलोमीटर भत्ते में बढ़ोत्तरी की माँग को लेकर कर रहे हैं भूख हड़ताल
- रनिंग स्टाफ के वेटिंग रूम व ड्यूटि रूम की मेस भी रहीं बन्द
झाँसी : किलोमीटर भत्ते में दशकों से बढ़ोत्तरी न होने से नारा़ज रेलवे के रनिंग कर्मचारियों ने आज भी भूखे रहकर ट्रेन चलायीं। दावा किया जा रहा है कि गार्ड्स व चालकों ने सिर्फ पानी पीकर ड्यूटि पूरी की व ड्यूटि ऑफ होते ही काला बैज धारण कर प्रतीकात्मक विरोध जताया।
ऑल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएशन के आह्वान पर चल रही 2 दिवसीय (17 व 18 जुलाई) भूख हड़ताल का असर मण्डल में भी देखने को मिला। रनिंग स्टाफ ने एकजुटता दिखाते हुए असोसिएशन के आह्वान को स्वीकारा और खाना न खाने का निर्णय लिया। रनिंग स्टाफ लॉबी में कर्मचारी अपनी माँगों पर चर्चा करते दिखे। बताया कि रनिंग स्टाफ के वेटिंग रूम व ड्यूटि रूम की मेस भी 2 दिन के लिए बन्द करा दी गयी है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि सरकार तक कर्मचारियों की उचित माँगों को पहुँचाया जा सके। कर्मचारियों ने सा़फ किया कि ट्रेन न चलाकर वे किसी प्रकार की बाधा खड़ी नहीं करना चाहते।
ये है मामला
दरअसल, रनिंग कर्मचारियों को प्रति किलोमीटर के हिसाब से भत्ता मिलता है। वर्तमान में उन्हें वर्ष 1980 में तय किये गये फॉर्मूले के आधार पर ही यह भत्ता दिया जाता है। कर्मचारी माँग कर रहे हैं कि इस भत्ते को सातवें वेतन आयोग लागू होने की तिथि यानी, 2 वर्ष पहले से बढ़ाकर लागू किया जाए।
आज सुबह तक चलेगा उपवास
कर्मचारियों ने बताया कि मंगलवार की सुबह 9 बजे से 2 दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की गयी थी, जो गुरुवार की सुबह 9 बजे तक चलेगी। इसके बाद मेस खुल जाएंगी।
इसलिए मिलता है किलोमीटर भत्ता
रनिंग स्टाफ में शामिल ड्राइवर व गार्ड्स की सैलरी बनते वक्त उसमें बेसिक पे के अलावा 30 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान भी जोड़ा जाता है। यह इसलिए क्योंकि, रनिंग स्टाफ की ड्यूटि बहुत मुश्किल होती है। किलोमीटर भत्ते जैसे 11 भत्ते रनिंग स्टाफ को मिलते हैं। किलोमीटर भत्ते का निर्धारण वर्ष 1980 में दिये गये फॉर्मूले के आधार पर अभी तक किया जाता है, जबकि उसके बाद चौथा, पाँचवां, छठा व सातवां वेतनमान लागू हो चुका है। कर्मचारी यूनियन माँग कर चुकी हैं कि लोको पायलट के लिए 974 रुपए, गार्ड के लिए 847 रुपए व सहायक लोको पायलट के लिए किलोमीटर भत्ता 731 रुपए से कम नहीं होना चाहिए। यह भत्ता प्रति सौ किमी के हिसाब से निर्धारित होता है और वर्तमान में यह 200 रुपए प्रति सौ किलोमीटर से भी कम है।
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'स्टेशन पर एक ही फर्म दे केटरिंग सर्विस, तब रुकेगी अवैध वेण्डिंग'
- रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के बुलावे पर पहुँचे सीनियर डीसीएम ने दिये अहम सुझाव
- रेलवे की कार्यशैली सुधारने के लिए देश भर से बुलाये गये थे 6 अफसर
झाँसी : रेलवे की कार्यशैली व कार्य संस्कृति में सुधार के लिए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्रि्वनी कुमार लोहानी ने देश भर से चुनिन्दा 6 अ़फसरों को दिल्ली बुलाकर उनसे सुझाव लिये। जिन अ़फसरों को विशेष बैठक में बुलाया गया, उसमें झाँसी मण्डल के वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक बिपिन कुमार सिंह भी शामिल हुए।
दिल्ली से लौटे सीनियर डीसीएम ने बताया कि बैठक में सिर्फ इस बात पर मन्त्रणा की गयी कि नये तौर-तरीके अपनाकर रेलवे में कैसे सुधार किया जा सकता है। बोर्ड के चेयरमैन ने अपना अजेण्डा साफ किया कि उन्हें हर हाल में परिवर्तन चाहिए। बैठक में स्टेशनों पर हो रही अनाधिकृत वेण्डिंग का मुद्दा उठा। इसे रोकने के लिए उन्होंने सुझाव दिया कि स्टेशन पर किसी एक ही फर्म को केटरिंग का लाइसन्स दिया जाए, यह एक कारगर उपाय हो सकता है। साथ ही, उन्होंने स्टेशन स्थित केटरिंग इकाइयों को प्लैटफॉर्म पर वेण्डिंग करने देने की व़कालत भी की। चेन पुलिंग रोकने के लिए ट्रेनों में अधिक टिकिट चेकिंग स्टाफ की तैनाती व दिव्यांगों को प्लास्टिक स्मार्ट कार्ड देने का सुझाव भी उन्होंने दिया। उन्होंने बताया कि ट्रेनों में मेडिकल सर्विस को लेकर भी खूब चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि चिकित्सकों के लिए प्रत्येक ट्रेन में एक या दो बर्थ की व्यवस्था की जा सकती है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर फौरन उनकी मदद ली जा सके। देश भर से चुनिन्दा सिर्फ 6 अ़फसरों में शामिल होने को उन्होंने एक शानदार अनुभव बताया।
फाइल : हिमांशु वर्मा
समय : 10.30 बजे
18 जुलाई 2018