32 ह़जार किसानों ने ठोका कर्ज माफी का दावा
झाँसी : योगी सरकार द्वारा शुरू की गई ऋण माफी योजना के आखिरी पड़ाव पर पहुँचने पर 32 ह़जार और किसानों न
झाँसी : योगी सरकार द्वारा शुरू की गई ऋण माफी योजना के आखिरी पड़ाव पर पहुँचने पर 32 ह़जार और किसानों ने दावा ठोक दिया है। इनमें साढ़े बारह ह़जार किसान वह हैं, जिनके खाते एनपीए हो चुके हैं, जबकि शेष किसानों ने पोर्टल पर शिकायत अपलोड की है। इन किसानों का सत्यापन शुरू कर दिया गया है।
सूबे की सत्ता सम्भालते ही योगी सरकार ने सबसे पहले किसानों का ऋण माफ करने का निर्णय लिया। योजना को पारदर्शी बनाने के लिए जनपद के 1 लाख से अधिक किसानों का डाटा पोर्टल पर अपलोड किया गया। सत्यापन के बाद 48 ह़जार पात्र किसानों को 273 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया गया। इसके बाद भी शिकायतों का दौर नहीं थमा, तो शासन ने पोर्टल पर शिकायतें माँगी गई। पोर्टल पर अब तक 19,843 किसानों ने ऋण माफी पर अपना दावा ठोक दिया। इससे पहले शासन ने एनपीए (नॉन परफॉर्मिग असेट) का बहीखाता समाप्त करने का निर्णय लिया, जिसके बाद जनपद के 12,666 किसानों का डाटा अपलोड किया गया। पोर्टल बन्द होने के बाद कृषि विभाग ने अब ऋण माफी योजना के लिए दावा ठोकने वाले 32,509 किसानों का सत्यापन कराने की तैयारी शुरू कर दी है। ़िजला कृषि अधिकारी दुर्गेश कुमार सिंह ने बताया कि तहसील व बैंक द्वारा ऑनलाइन सत्यापन कराया जा रहा है, जिसके बाद पात्रों की नई सूची बनाई जाएगी। माना जा रहा है कि अनेक किसानों ने कई-कई बार पोर्टल पर शिकायत अपलोड की है, जिसकी छँटनी के बाद ही ऋण माफी योजना के सही लाभार्थियों की जानकारी हो सकेगी।
2 दिन से बन्द है पोर्टल
ऋण माफी योजना के लिए शासन द्वारा बनाया गया पोर्टल 2 दिन से ठप पड़ गया है, जिससे किसानों का डाटा नहीं खुल पा रहा है। इससे सत्यापन कार्य भी प्रभावित हो गया है। वैसे शासन ने 25 मार्च तक शुद्ध सूची बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तिथि बढ़ने की सम्भावना जताई जा रही है।
महँगी पड़ी भ्रष्टाचार के ख़्िाला़फ लड़ाई
झाँसी : जल संस्थान के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को भ्रष्टाचार के ख़्िाला़फ लड़ाई महँगी पड़ने लगी है। विभाग ने उसका वेतन रोक दिया है और कारण भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
जल संस्थान में चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत संजीव साहू ने विभाग में चल रहे गड़बड़झाले का खुलासा किया था, जिसके बाद शासन से लेकर विजिलेंस तक जाँच शुरू हो गई थी। ऐसे आरोपों में तत्कालीन महाप्रबन्धक पर कार्यवाही भी की गई थी। पर, अधिकारियों के ख़्िाला़फ मोर्चा खोलना चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को अब महँगा पड़ गया है। कर्मचारी की पत्नी सीमा साहू ने मण्डलायुक्त को ज्ञापन देकर बताया कि उसके पति का वेतन बिना किसी कारण के रोक दिया है, जिससे परिवार के सामने संकट छा गया है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। सीमा साहू ने कहा कि उसके पति पर भ्रष्टाचार की शिकायतें वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है, जिसके चलते इस तरह का उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने दबाव बनाने के लिए दबंगई तक की आशंका जताई है।