11 स्थानों पर चिन्हित किए गए वेट लैंड, अन्य की भी हो रही तलाश
वेट लैंड (आर्द्र यानि नम भूमि) को भी संरक्षित करने के मुहिम की शुरुआत हो गई है। 11 स्थानों पर इसे चिन्हित किया गया है शेष की तलाश हो रही है। इस मुहिम में वन विभाग के अलावा मनरेगा भी सहभागिता निभा रहा है। इसके संरक्षण से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षित होगा बल्कि जीव-जंतुओं को भी सुरक्षा मिलेगी।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : वेट लैंड (आर्द्र यानि नम भूमि) को भी संरक्षित करने के मुहिम की शुरुआत हो गई है। 11 स्थानों पर इसे चिन्हित किया गया है, शेष की तलाश हो रही है। इस मुहिम में वन विभाग के अलावा मनरेगा भी सहभागिता निभा रहा है। इसके संरक्षण से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षित होगा, बल्कि जीव-जंतुओं को भी सुरक्षा मिलेगी। ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ रहे खतरे के बीच राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने चिता जाहिर करते हुए वेट लैंड को संरक्षित करने का सुझाव दिया था, जिसके बाद इस कार्य में न सिर्फ तेजी लाई गई, बल्कि इसकी तलाश भी तेज की गई। इसकी औपचारिक शुरुआत बक्शा ब्लाक के भोसिला ताल से की गई।
भोसिला ताल के साथ ही दो बड़े ताल गूजर व आरा के अलावा सुजानगंज स्थित रेहूआ ताल में भी वेट लैंड चिन्हित किए गए हैं। आरा ताल 135 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है, जबकि गूजर ताल का दायरा 108 हेक्टेयर है। रेहूआ ताल भी तकरीबन सौ एकड़ क्षेत्रफल में फैला है। सभी बड़े प्रमुख तालाबों में तीन से चार स्थानों पर वेट लैंड चिन्हित किए गए हैं। क्या है वेट लैंड
तालाब, झील व नदियों के अलावा तकरीबन छह मीटर क्षेत्र में जहां भी पानी इकट्ठा होता है, उसे वेट लैंड कहा जाता है। जिले में बड़ी संख्या में तालाब हैं, जिनमें कुछ को वेट लैंड के रूप में संरक्षित कर बेहतर कार्य किया जा सकता है। प्रयास पर्यावरण को संरक्षित करने का : ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ रहे खतरे के बीच राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की ओर से कई बार चिंता जताई गई है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने इस पर मंथन का सुझाव दिया। वेट लैंड को संरक्षित करने के लिए एनजीटी ने ही सुझाव दिया। जलीय जीव-जंतुओं को मिलेगी संजीवनी :
विभाग की इस पहल से पर्यावरण तो संरक्षित होगा ही, जलीय जीव-जंतुओं को भी नया जीवन मिलेगा। कार्ययोजना में वेट लैंड की साफ-सफाई भी कराई जाएगी, जिससे जैव विविधता को बल मिलेगा।
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भोसिला ताल से इस कार्य की शुरुआत की गई है। फिलहाल वेट लैंड के लिए 11 स्थान चिन्हित किए गए हैं। अन्य की भी तलाश की जा रही है।
- भूपेंद्र सिंह, उपायुक्त मनरेगा।