हाथ में मतदाता पहचान पत्र, सूची से नाम गायब
राष्ट्रीय महापर्व लोकसभा चुनाव में सहभागिता के लिए जनपद में खूब अभियान चले। करीब छह माह से मतदाता सूची पुनरीक्षण से लेकर अनवरत बैठकें हुईं। मतदाता जागरूकता अभियान चलाकर जिम्मेदारों ने वाहवाही लूटने के साथ ही चाक-चौबंद तैयारी का दावा भी किया। लेकिन यह सब रविवार को मतदान के दिन हवा-हवाई साबित हुआ। अधिकांश बूथों पर जहां खामियां नजर आईं। मतदाता पहचान पत्र ही नहीं बीएलओ द्वारा बांटी गई पर्ची लेकर पहुंचने वाले मतदाताओं को भी बूथों से वापस लौटना पड़ा। वजह उनका सूची में नाम ही नहीं था। इस तरह की शिकायत जिलेभर से बड़े पैमाने पर आईं। क्षुब्ध मतदाताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत की बात कही है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: राष्ट्रीय महापर्व लोकसभा चुनाव में सहभागिता के लिए जनपद में खूब अभियान चले। करीब छह माह से मतदाता सूची पुनरीक्षण से लेकर अनवरत बैठकें हुईं। मतदाता जागरूकता अभियान चलाकर जिम्मेदारों ने वाहवाही लूटने के साथ ही चाक-चौबंद तैयारी का दावा भी किया। लेकिन यह सब रविवार को मतदान के दिन हवा-हवाई साबित हुआ। अधिकांश बूथों पर जहां खामियां नजर आईं। मतदाता पहचान पत्र ही नहीं बीएलओ द्वारा बांटी गई पर्ची लेकर पहुंचने वाले मतदाताओं को भी बूथों से वापस लौटना पड़ा। वजह, उनका सूची में नाम ही नहीं था।
मछलीशहर सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र के डोभी विकास खंड के बरहपुर गांव में एक तिहाई मतदाताओं का नाम सूची से गायब है। भारतीय जनता पार्टी काशी प्रांत के चिकित्सा प्रकोष्ठ पूर्व अध्यक्ष डा. जेएन सिंह रघुवंशी समेत गांव के करीब 300 मतदाता मतदाधिकार से वंचित रह गए। उनका आरोप है कि पहली बार मतदाता पुनरीक्षण के दौरान उनका नाम सूची में था। बाद में कैसे गायब हो गया इसे बताने वाला कोई नहीं है।
इसी क्रम में मछलीशहर नगर के चौधरी मदन लाल का आरोप है कि उन्हें मृतक दिखाकर बीएलओ ने उनका नाम मतदाता सूची से बाहर निकाल दिया। मतदान केंद्र पर जब वे आज पर्ची लेकर पहुचे तो सूची में नाम नही था।उनका नाम परिमार्जन सूची में मिला। उन्हें मृतक मानकर नाम काटने की जानकारी मतदान अधिकारी ने दी।
इसके अलावा ऊदपुर गेल्हवा के सुनील शुक्ल, सदाफल व सदानंद शुक्ल, सचिन, प्रेमा देवी, भूपनारायण शुक्ल, हंकारपुर के पारसनाथ उपाध्याय, शाहपुर में तुलसी निषाद के घर का चार वोट वोटर लिस्ट में न होने से लोग बूथ से मायूस लौट गए।
बरसठी क्षेत्र के गोठांव की ममता, चमेला, राजेंद्र, अंचल, आशा आदि मतदान स्थल पर वोट देने गई तो नाम न होने मायूस होकर वापस लौटते हुए बीएलओ को कोसते रहे। यही हाल राजापुर गांव के ओम प्रकाश तिवारी, चंदन मानिक चंद्र, मनोज सिंह, धर्मराज मिश्रा सहित काफी लोगो का नाम न होने मायूस होकर वापस लौट आए। यहीं हाल आलमगंज निगोह बरसठी भगेरी कूसा सहित दर्जनों गांव के लोग मौजूद होने के बाद भी मतदाता सूची में नाम शामिल नहीं है।
नगर से सटे पचहटिया गांव के दर्जनों मतदाता लिस्ट में नाम गायब रहने से वोट नहीं दे सके।धर्मापुर ब्लाक अंतर्गत पचहटिया गांव अब नगर पंचायत में दर्जनों ग्रामीणों का नाम वोटर लिस्ट से गायब रहा। सभी वोट देने से वंचित रह गए।
बक्शा विकास खंड के अधिकांश गांवों के मतदाता वोटर लिस्ट में नाम न होने के कारण मतदान करने से वंचित रह गए। अगरौरा, चुरावनपुर, सुल्तानपुर, नौपेड़वा से भी दर्जनों लोग मतदान करने से वंचित रहे।
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