जानलेवा बन रहीं जिले की जर्जर सड़कें
तमाम सख्ती के बाद भी सड़कें गड्ढामुक्त नहीं हो सकीं हैं। जर्जर सड़कें बरसात के दिनों में जानलेवा बनती जा रही है। नगर समेत ग्रामीण इलाकों की सड़कों का बुरा हाल है। ट्रेन पकड़ने की मजबूरी में सिटी स्टेशन जाने वाले यात्री आए दिन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। गड्ढामुक्त अभियान के तहत दुरुस्त की गई सड़कों के भी जगह-जगह से टूटने से आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: तमाम सख्ती के बाद भी सड़कें गड्ढामुक्त नहीं हो सकीं हैं। जर्जर सड़कें बरसात के दिनों में जानलेवा बनती जा रही है। नगर समेत ग्रामीण इलाकों की सड़कों का बुरा हाल है। ट्रेन पकड़ने की मजबूरी में सिटी स्टेशन जाने वाले यात्री आए दिन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। गड्ढामुक्त अभियान के तहत दुरुस्त की गई सड़कों के भी जगह-जगह से टूटने से आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सड़कों पर बने गड्ढे अधिकारियों के तमाम दावों के पोल खोलने के लिए काफी है। नगर के सिटी स्टेशन की तरह जाने वाली सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है। बरसात होने पर घुटने तक पानी भरने से सड़क का अंदाजा ही नहीं हो पाता। ट्रेन पकड़ने की जद्दोजहद में मुसाफिर आए दिन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। टूटी सड़क की वजह से सवारी गाड़ियां भी स्टेशन जाने से कतराने लगी हैं। जब नगर का यह हाल है तो ग्रामीण इलाकों की महज कल्पना ही की जा सकती है। मुंगराबादशाहपुर की सड़कों का भी बुरा हाल है। स्थानीय नगर व सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने वाली चार किलोमीटर सड़क का निर्माण आज तक नहीं हो सका है। सड़क का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा निर्माण किया जाना था, लेकिन सतहरिया इटहरा बाईपास बन जाने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने उक्त सड़क का निर्माण रोक दिया। टूटी सड़कों का असर उद्योगों पर भी पड़ रहा है।
बदलापुर क्षेत्र में बारिश के दौरान सड़कों की हालत बेहद खराब हो गई है, जिन पर सफर करना जान जोखिम में डालने जैसा है। मछलीगांव से बदलापुर खुर्द, घनश्यामपुर से बड़़ेरी, मिरसादपुर से हिम्मतपुर, रामनगर से गढ़ा गोपालापुर, बटाऊबीर से लेदुका, गौरीशंकर धाम चंदापुर से नहर की पटरी सड़क पूरी, पहितियापुर पुल से ढ़ेमा, शाहपुर से तियरा, बदलापुर से नहर पटरी डोमपुर तक आदि सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाने के बाद भी टूटी सड़कें पीडब्ल्यूडी के कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल उठा रही है। खस्ताहाल सड़कों की स्थिति
निर्माण खंड- दो- 850 किलोमीटर
प्रांतीय खंड- 340 किलोमीटर
निर्माण खंड- 85 किलोमीटर
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पीडब्ल्यूडी की सड़कें
कुल सड़कें: 3854
लंबाई: 6245
राजमार्ग: 263 किमी
प्रमुख जिला मार्ग: 93.65 किमी
ग्रामीण मार्ग: 4895 किमी
अन्य विकास मार्ग: 992.65 किमी
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वर्ष 2018-19 में शामिल सड़कें
गड्ढा मुक्ति के लिए
किलोमीटर: 775
खर्च: 2.84 करोड़
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नवीनीकरण
किलोमीटर: 378
खर्च: 34 करोड़
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विशेष मरम्मत
किलोमीटर: 131
खर्च: 12.8 करोड़
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पिछले वर्ष किया गया कार्य
बीते वर्ष कुल 1675 किलोमीटर सड़कों को दुरुस्त किया गया। इसमे 680 किमी नवीनीकरण, 200 किमी विशेष मरम्मत व 795 किमी सड़कों का लेपन हुआ। इस निर्माण पर तकरीबन 70 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।