छुट्टा सांड़ों को पकड़ने में प्रशासन फेल
जागरण संवाददाता, जौनपुर: छुट्टा सांड़ों का आतंक कम होने की बजाय लगातार बढ़ रहा है। स
जागरण संवाददाता, जौनपुर: छुट्टा सांड़ों का आतंक कम होने की बजाय लगातार बढ़ रहा है। सड़कों पर मौत बनकर घूम रहे सांड़ के हमलों से मौतों का सिलसिला शुरू होने के बाद इन्हें पकड़ने के दावों पर अमल नहीं होने की वजह से ग्रामीणों में भय का माहौल है। शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं होने की वजह से लोगों का गुस्सा प्रशासन के प्रति बढ़ रहा है। इस वर्ष अब तक सांड़ ने पांच लोगों को मार डाला, जिसमें दो महिला शामिल हैं। मौत का पर्याय बन चुके सांड़ किसानों की गाढ़ी कमाई पर भी डाका डाल रहे हैं। सड़कों पर मौत बनकर घूम रहे सांड़ों से खौफ खाए लोग बाहर सोने से भी डरने लगे हैं। गांव ही नहीं बल्कि नगर में भी सांड़ों का आतंक बढ़ रहा है। नगर पालिका समेत पशु स्वास्थ्य महकमा भी सड़कों पर घूम रहे सांड़ो को पकड़ने से कतराता है। यही वजह है कि ओलन्दगंज, सछ्वावना पुल, चहारसू चौराहा व सिपाह समेत अन्य स्थानों पर बड़ी संख्या में सांड़ो को देखा जा सकता है। स्कूल खुलने के बाद बच्चों को भी सांड़ो से खतरा कई गुना बढ़ गया है, जिससे अभिभावक भी ¨चतित हैं। बाजारों में भी छुट्टा पशु जाम का कारण बन रहे हैं। कई बार इनकी वजह से भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिसमे लोग घायल भी हो चुके हैं।
....... सांड़ो की वजह से अबतक हुई मौत
28 अक्टूबर 2017 को जोगापुर रामपुर निवासी अमरनाथ ¨सह की सांड़ के हमले में मौत हो गई।
25- मार्च- 2018 को रामपुर थाना क्षेत्र के औंरा गांव में अपने घर के बाहर सो रही जगपत्ती देवी (70) को सांड़ ने पेट में सींग घुसाकर उठाने के बाद 25 मीटर दूर ले जाकर पटक दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।
एक अप्रैल को सुजानगंज थाना क्षेत्र के रामनगर निवासी पियारी देवी पर सांड़ ने हमला कर मार डाला।
26 जून को सिकरारा के बघौरा में पंडोही कहार को सांड़ ने दौड़ाकर मार डाला।
18 जुलाई को सिकरारा चौरा मोहनदास गांव में गिरजा शंकर सोनकर को सांड ने दौड़ाकर मार डाला।