बैंक लोन के सदमे ने ले ली युवक की जान
जगदीशपुर गांव निवासी युवक की बैंक लोन के सदमे ने जान ले ली। उसने शनिवार की रात एसजीपीजीआइ लखनऊ में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस के हस्तक्षेप पर पड़ोसी के कर्ज की रकम लौटाने पर परिजन अंत्येष्टि के लिए राजी हुए।
जागरण संवाददाता, सिगरामऊ (जौनपुर): जगदीशपुर गांव निवासी युवक की बैंक लोन के सदमे ने जान ले ली। उसने शनिवार की रात एसजीपीजीआइ लखनऊ में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस के हस्तक्षेप पर पड़ोसी द्वारा कर्ज की रकम लौटाने पर परिजन अंत्येष्टि के लिए राजी हुए।
परिजनों के अनुसार उक्त गांव निवासी माताफेर सिंह के पुत्र अनिल सिंह (35) ने करीब सात वर्ष पहले यूनियन बैंक की स्थानीय शाखा से अपनी जमीन बंधक रखकर आठ लाख रुपये लोन लिए थे। रुपये उसने पड़ोसी बंटी सिंह को दे दिए थे। बार-बार मांगने पर भी बंटी के रुपये न लौटाने से अनिल तनावग्रस्त हो गया था। गांव में इसे लेकर कई बार पंचायत भी हुई लेकिन बंटी रुपये लौटाने को तैयार नहीं हुआ। ऋण की किस्त की अदायगी न होने के चलते बैंक प्रशासन की लिखा-पढ़ी पर आरसी जारी हो गई। इससे अनिल अवसादग्रस्त हो गया। उसकी हालत बिगड़ती चली गई। उसे उपचार के लिए परिजन एसजीपीजीआइ लखनऊ ले गए। वहां शनिवार की देर रात उसकी सांसें थम गईं। परिजनों का आरोप है कि बैंक कर्मियों ने भी उसे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया था।
पार्थिव शरीर लेकर घर पहुंचे परिजन मामले का समाधान न होने तक अंत्येष्टि न करने पर अड़ गए। प्रभारी थानाध्यक्ष महेश शुक्ला ने समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन परिजन नहीं माने। खबर लगने पर आए सीओ बदलापुर राजेंद्र कुमार ने मौके की नजाकत भांपते हुए बंटी के पिता से पैसा वापस करने को कहा। तब उसने पैसा वापस कर दिया। आवश्यक लिखा-पढ़ी के बाद पुलिस ने पंचनामा कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। सीओ राजेंद्र कुमार ने बताया कि मृतक के परिजनों की मांग थी कि आरोपित के पिता को तब तक पुलिस हिरासत में रखा जाए जब तक बैंक में ऋण की पूरी राशि जमा होने के बाद अदेयता प्रमाण पत्र जारी न कर दिया जाए। परिजन अंत्येष्टि के लिए मृतक के पिता का मुंबई से आने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं आरोपित के पिता को पुलिस हिरासत में लिए हुए है।