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समूह की महिलाओं से निर्मित मोमबत्तियों से रोशन होंगे घर

जागरण संवाददाता जौनपुर इस बार दीपावली में घर-आंगन समूह की महिलाओं की बनी मोमबत्तियों से

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 07:25 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 07:25 PM (IST)
समूह की महिलाओं से निर्मित मोमबत्तियों से रोशन होंगे घर
समूह की महिलाओं से निर्मित मोमबत्तियों से रोशन होंगे घर

जागरण संवाददाता, जौनपुर: इस बार दीपावली में घर-आंगन समूह की महिलाओं की बनी मोमबत्तियों से रोशन होंगे। इसके लिए ढाई हजार महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण की जिम्मेदारी एनआरएलएम को दी गई है। महिलाओं को मोम की व्यवस्था कराने के साथ ही बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। मुहिम को सफल बनाने की जिम्मेदारी ब्लाक मिशन मैनेजरों को भी दी गई है। शासन की मंशा है कि समूहों के माध्यम से गांव की महिलाओं को समृद्ध बनाया जाय। यही वजह है कि जिले में समूहों की संख्या बढ़ते हुए सात हजार पहुंच गई है। इस पहल से महिलाएं आर्थिक रूप से तो मजबूत बनेंगी ही उनकी सामाजिक भागीदारी भी बढ़ेगी।

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काम करने वाले समूहों की हो रही पहचान

समूह में शामिल महिलाएं अलग-अलग कार्यों में निपुण हैं। कोई सिलाई-कढ़ाई में माहिर है तो कोई अचार व मुरब्बा बनाने में। ऐसे में कलात्मक कार्यों में रुचि व कार्य करने वाली महिला समूहों की पहचान की जा रही है। इसमें धर्मापुर, बक्शा, रामनगर व बरसठी ब्लाक को प्राथमिकता में शामिल किया गया है। धर्मापुर ब्लाक के न्यू कालोनी स्थित दुर्गा स्वयं सहायता समूह अगरबत्ती, धूपबत्ती, मोमबत्ती व अन्य सजावटी सामान बनाने को आगे आया है। इसी तरह बरसठी के जरौठा गांव के क्रिश सक्षम समूह व गंगा मैया स्वयं सहायता समूह, बक्शा के जमऊपट्टी के एकता स्वयं सहायता समूह, अर्चना आजीविका महिला स्वयं सहायता समूह व रामनगर के जय लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इस कार्य के लिए विशेष ट्रेनिग दी जा रही है। जल्द ही अन्य समूह की महिलाओं को भी इस मिशन का हिस्सा बनाया जाएगा।

जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाएगा बाजार

किसी भी उत्पाद को जब तक बाजार नहीं मिलता तब तक वह उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में एनआरएलएम की ओर से उन समूहों को बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिन्हें इसकी जरूरत होगी। जिला मिशन मैनेजर गुलाब चंद सरोज ने बताया कि इच्छुक समूहों को विकास भवन के अलावा अन्य ब्लाक कार्यालय में अपने स्टाल लगाने की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि समूहों को समृद्ध करने की शासन की मंशा पर गंभीरता से कार्य हो रहा है। यही वजह है कि दो हजार का आंकड़ा पार कर समूहों की संख्या 7750 पहुंच गई है, जिसमें 85 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं।

बोले अधिकारी..

हमारी कोशिश ढाई हजार महिलाओं को प्रशिक्षण देने का है, जिसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। इसका फायदा बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा।

-ओम प्रकाश यादव, उपायुक्त एनआरएलएम।


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