ज्ञान का दान सबसे महान
ज्ञान का दान सबसे महान होता है। सम्प्रति यही वजह है कि व्यक्ति चाहे जितनी ऊंचाई पर पहुंच जाए लेकिन वह अपने गुरु के समक्ष सदैव नतमस्तक रहता है।
जासं, सिरकोनी (जौनपुर): ज्ञान का दान सबसे महान होता है। सम्प्रति यही वजह है कि व्यक्ति चाहे जितनी ऊंचाई पर पहुंच जाए लेकिन वह अपने गुरु के समक्ष सदैव नतमस्तक रहता है। उक्त बातें उच्च प्राथमिक विद्यालय नेहरूनगर के प्रधानाध्यापक एनपीआरसी मो. हाशिम ने शनिवार की देर शाम को सेवानिवृत्त हुए वरिष्ठ अध्यापक नन्हकू राम पाल की विद्यालय प्रांगण में आयोजित विदाई समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित रहे पूर्व प्रधानाचार्य शोभनाथ विश्वकर्मा ने शिक्षक के जीवन व उसके कर्तव्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। संचालन शिक्षक नेता अरुण कुमार सिंह ने किया। प्रधानाध्यापक राजकुमार यादव, अशोक कुमार सिंह, ओम प्रकाश, सुनील सिंह, प्रधान बलिराम राजभर, बीआरसी डा.आशीष श्रीवास्तव आदि ने श्री पाल के शिक्षा के प्रति दिए योगदान को सराहनीय बताया।