किसानों के जी का जंजाल बने बेसहारा गोवंश
-फसलों को कर रहे भारी नुकसान -रात-रात भर रखवाली को मजबूर किसान जागरण संवाददाता सरपतहां (जौनपुर) छुट्टा व बेसहारा गोवंश किसानों के जी का जंजाल बन गए हैं। इनसे फसलों की भारी क्षति हो रही है। किसान रात-रात भर जागकर फसलों की रखवाली करने को मजबूर हैं।
जागरण संवाददाता, सरपतहां (जौनपुर): छुट्टा व बेसहारा गोवंश किसानों के जी का जंजाल बन गए हैं। इनसे फसलों की भारी क्षति हो रही है। किसान रात-रात भर जागकर फसलों की रखवाली करने को मजबूर हैं।
प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद जिस तरह गोवंशों के वध पर कड़ाई से पाबंदी लगाई गई उसका खामियाजा अब सीधे तौर पर किसानों को ही भुगतना पड़ रहा है। भारी लागत व हाड़-पसीने से कमाई गई फसल गोवंशों की भेंट चढ़ती जा रही है। मजबूर किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है। यद्यपि इनके आश्रय स्थलों की थोड़ी-बहुत अस्थाई व्यवस्था की गई लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। लोग खुलेआम अपने गोवंश यहां तक कि लगभग बूढ़ी हो चुकी गायों को भी बेसहारा छोड़ने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। ये पशु दिन-रात फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। एक तरफ सूखे की मार तो दूसरी तरफ इनके प्रकोप से आम किसानों की हालत पस्त है।
कुछ अराजक लोग इन गोवंशो के साथ क्रूर व्यवहार से भी बाज नहीं आ रहे हैं। बीते बुधवार को कटघर गांव में एक गोवंश की लाश तालाब में उतराई मिली। लोगों ने देखा तो उनके होश उड़ गए। क्योंकि उसके चारों पैर रस्सी से बंधे हुए थे। इतना ही नहीं लगभग एक माह पहले कुसियाबहार गांव में एक बूढ़ी तथा लगभग अशक्त हो चुकी गाय को किसी ने बेसहारा छोड़ दिया। उसे आवारा कुत्तों ने काट-काटकर मार डाला।