नैक मूल्यांकन का मूल मंत्र, अभी नहीं तो कभी नहीं
कुटीर पीजी कालेज चक्के में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन शनिवार को प्रथम सत्र में प्रेरक व मुख्य वक्ता प्रो. जेपीएन मिश्र कुलसचिव नाईपर हैदराबाद ने कहा कि अभी नहीं तो कभी नहीं को मूल मंत्र मानकर उच्च शिक्षण संस्थाओं को नैक मूल्यांकन के साथ अन्य केंद्रीय और राज्य स्तरीय मूल्यांकन के लिए सदैव प्रस्तुत रहना होगा। शासन अब अधिक समय देने के लिए तैयार नहीं है।
जागरण संवाददाता, जलालपुर (जौनपुर) : कुटीर पीजी कालेज चक्के में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन शनिवार को प्रथम सत्र में प्रेरक व मुख्य वक्ता प्रो. जेपीएन मिश्र कुलसचिव नाईपर हैदराबाद ने कहा कि अभी नहीं तो कभी नहीं को मूल मंत्र मानकर उच्च शिक्षण संस्थाओं को नैक मूल्यांकन के साथ अन्य केंद्रीय और राज्य स्तरीय मूल्यांकन के लिए सदैव प्रस्तुत रहना होगा। शासन अब अधिक समय देने के लिए तैयार नहीं है।
कार्यक्रम में पूर्व कुलपति प्रो. डीडी दुबे ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नैक मूल्यांकन होगा जो गुणवत्ता पूर्ण उपयोगी शिक्षा को मूल मानकर किया जाएगा। हम सब को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। कार्यशाला के मुख्य वक्ता डा. अरुण कुमार सिंह पूर्व समन्वयक आइक्यूएसी टीडी पीजी कालेज ने कहा कि एक प्रभावशाली और उत्तरदायी भूमिका का निर्वाह करके प्रबंधन-प्रशासन और शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों में तालमेल बैठाना गुणवत्ता की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
कार्यशाला का उद्घाटन वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य व अध्यक्षता प्रो. एएन राय पूर्व निदेशक राष्ट्रीय मूल्यांकन परिषद बेंगलुरु ने किया। प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अविनाश, प्रो. देवराज, प्रो. अशोक श्रीवास्तव ने भी विचार व्यक्त किया। कार्यशाला में रणजीत कुमार पांडेय प्राचार्य समोधपुर, प्रवीण सिंह प्राचार्य डोभी, आंजनेय पांडेय प्राचार्य मड़ियाहूं, विजेंद्र सिंह प्राचार्य बदलापुर, एसपी सिंह प्राचार्य मिहरांवा, राजेश सिंह प्राचार्य जमुहाई, प्रो. कौशलेंद्र विक्रम मिश्र प्राचार्य माल्टारी उपस्थित रहे। स्वागत कुटीर पीजी कालेज चक्के के प्रबंधक डा. अजयेंद्र कुमार दुबे और धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य मेजर रमेश मणि त्रिपाठी ने किया। कार्यशाला का आयोजन आइक्यूएसी और नैक समिति ने संयुक्त रूप से किया। संचालन पूनम सिंह ने किया।