बागवानी की बदौलत सुदृढ़ हुई स्थिति
बागवानी को घाटे का सौदा समझने वालों के लिए मझौली गांव निवासी माडल किसान रामजीत मौर्या नजीर हैं। प्रगतिशील किसान के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले रामजीत अगैती व व्यावसायिक खेती तो करते ही हैं
जागरण संवाददाता, नौपेड़वा (जौनपुर): बागवानी को घाटे का सौदा समझने वालों के लिए मझौली गांव निवासी माडल किसान रामजीत मौर्या नजीर हैं। प्रगतिशील किसान के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले रामजीत अगैती व व्यावसायिक खेती तो करते ही हैं उनकी नर्सरी को आदर्श बागवानी के रूप में भी पहचाना जाता है। मौर्य का चयन कृषि विज्ञान केंद्र बक्शा के वैज्ञानिकों द्वारा माडल किसान के रूप में किया गया है। उनके परिश्रम के परिणाम से अभिभूत इफको फाउंडेशन ने निश्शुल्क ग्रीन पाली हाउस दिया था। रामजीत के आदर्श बागवानी में वर्तमान समय में आम के दशहरी, लंगड़ा, चौसा, आम्रपाली, स्वर्ण रेखा, मल्लिका, सफेदा व अमरूद, कटहल, आंवला, नीबू, पपीता, संतरा, व चीकू के सैकड़ों पेड़ मौजूद हैं। रामजीत बताते है कि बागवानी में गेंदा, गुलाब, चमेली, रातरानी, बेला, बेगम बेलिया, गुड़हल, छुईमुई, चंदन, गंधराज जैसे फूलों के अलावा छायादार वृक्ष मौलश्री, चितवन, कदम, रबड़, अशोक, मोरपंखी, कीमती लकड़ी महोगनी पर्याप्त संख्या में मौजूद है। रामजीत की नर्सरी में सजावटी गमला देखते ही बनता है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि सभी पौधा मदर प्लांट से स्वयं तैयार कर उसकी बिक्री करते हैं। रामजीत आज स्वयं की पौधशाला से अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में सफल रहे हैं। हालांकि उन्हें सरकार द्वारा कोई प्रोत्साहन नहीं मिलने का भी मलाल है।