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जल संचय योजना के 1.10 करोड़ अनुदान में घोटाला

योगी सरकार के महत्वाकांक्षी पारदर्शी किसान सेवा योजना को जनपद का कृषि विभाग पलीता लगा रहा है। उन्नत खेती के लिए मिलने वाली सुविधाएं किसानों तक पहुंचने से पूर्व ही बंदरबांट हो जा रही हैं। जी हां इसका प्रमाण है डार्क जोन क्षेत्रों में जल संचय के लिए चल रही स्प्रिंकलर सिचाई प्रणाली। खेतों में नहीं कागजों तक सिमटी इस योजना के 1.10 करोड़ अनुदान में जमकर खेल किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 11:00 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 11:00 PM (IST)
जल संचय योजना के 1.10 करोड़ अनुदान में घोटाला
जल संचय योजना के 1.10 करोड़ अनुदान में घोटाला

सतीश सिंह

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जागरण संवाददाता, जौनपुर: योगी सरकार के महत्वाकांक्षी पारदर्शी किसान सेवा योजना को जनपद का कृषि विभाग पलीता लगा रहा है। उन्नत खेती के लिए मिलने वाली सुविधाएं किसानों तक पहुंचने से पूर्व ही बंदरबांट हो जा रही है। जी हां, इसका प्रमाण है डार्क जोन क्षेत्रों में जल संचय के लिए चल रही स्प्रिंकलर सिचाई प्रणाली। खेतों में नहीं कागजों तक सिमटी इस योजना के 1.10 करोड़ अनुदान में जमकर खेल किया गया है।

सूबे के अतिदोहित, क्रिटिकल एवं सेमी क्रिटिकल विकास खंडों में जल संचय के लिए स्प्रिंकलर सिचाई प्रणाली योजना चलाई जा रही है। इसमें लघु- सीमांत व सामान्य कृषकों को अनुदान पर स्प्रिंकलर सेट और डीजल पंप दिया जाता है। जनपद के 14 विकास खंडों में चल रही इस योजना के तहत वर्ष 2018-19 में 350 लक्ष्य के सापेक्ष 289 किसानों को स्प्रिंकलर सेट व डीजल पंप के लिए 1.10 करोड़ रुपये अनुदान दिया गया।

'दैनिक जागरण' द्वारा विभाग द्वारा जारी सूची के अनुसार तहकीकात कराई गई तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। लाभ पाने वाले तमाम किसान गांवों उस नाम के नहीं हैं तो कई भूमिहीन के भी खाते में अनुदान की धनराशि भेज दी गई है। मजे की बात तो यह है कि अनुदान पाने वालों न तो योजना की जानकारी है और न ही उनके पास उपकरण ही मिले। उन्हें बहकाकर धनराशि ले ली गई। मामले की जांच हुई तो डेढ़ दशक के चल रहे इस खेल में कई नपेंगे। केस 1- सिरकोनी विकास खंड के आराजी नेवादा गांव निवासी मो.एहसान पुत्र जमील टीडी कालेज में बीए तृतीय वर्ष का छात्र है। उसके नाम से जमीन नहीं है। विभाग में उसे 8363181358600 संख्या से पंजीकृत करके कागज पर बिना पंप के स्प्रिंकलर सेट देकर 90 प्रतिशत अनुदान की धनराशि 39600 रुपये भेजी गई है। उसके घर जाने पर न तो स्प्रिंकलर सेट मिला न ही उसके परिवार को किसी प्रकार की योजना की जानकारी थी। पूछने पर बताया कि गांव के ही एक युवक ने खाता नंबर मांगा था। कहा कि मेरा खाता बंद हो गया है एक जगह से पैसा मंगाना है। मेरे वजीफा के खाते में पैसा आने के बाद उसने एटीएम से निकाल लिया। केस-2 सिरकोनी विकास खंड के अराजी नेवादा गांव निवासी रीता पत्नी सुरेंद्र के खाते में 39600, जयहिद पटेल पुत्र शत्रुघ्न पटेल के खाते में डीजल पंप व स्प्रिंकलर सेट का 63000 हजार, अर्जुन विश्वकर्मा पुत्र राज नारायण के खाते में भी 63000 हजार रुपये अनुदान की धनराशि भेजी गई। छानबीन में किसी के यहां सेट नहीं पाया गया। रीता व जयहिद ने बताया कि गांव के युवक ने हम लोगों के खाते में पैसा मंगाकर निकाल लिया है। हमने न तो आवेदन किया है और नहीं उपकरण खरीदा है। ग्राम प्रधान जय प्रकाश गुप्त ने भी हैरानी जताते हुए कहा कि गांव में किसी के यहां स्प्रिंकलर सेट नहीं लगा है। यह है अनुदान की व्यवस्था:- स्पिकलर सिचाई प्रणाली के वितरण की योजना के तहत लघु एवं सीमान्त कृषकों को 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार आरकेवीवाई व राज्य सरकार 40 प्रतिशत अनुदान देती है। इसी प्रकार सामान्य कृषकों को 50 प्रतिशत केंद्र व 30 प्रतिशत राज्य सेक्टर से अनुदान की धनराशि दी जाती है। ऐसे होता है आवेदन:- पंजीकृत किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग में आवेदन करेंगे। जांच के बाद किसान से कृषक अंश जमा कराकर आवेदन आपूर्ति करने वाले डीलर के पास भेज दिया जाएगा। डीलर किसान के स्प्रिंकलर सिस्टम के सामान की आपूर्ति करता है। लाभार्थी व स्प्रिंकलर सेट व फोटोग्राफ कार्यालय में जमा होने के बाद विभाग सत्यापन कराता है। इसके बाद अनुदान की धनराशि खाते में भेजी जाती है। आवेदन करने वाले पंजीकृत किसानों को ही स्प्रिंकलर सेट दिया गया है। अनुदान की धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी गई है। क्रय किए गए उपकरणों की विभाग द्वारा सत्यापन कराया गया है। अगर किसानों ने उपकरण नहीं लिया तो जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जय प्रकाश

उप निदेशक कृषि


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