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बालू के रेट ने भवन बनवाने वालों के बाल किए 'सफेद'

जागरण संवाददाता, जौनपुर : योगी सरकार द्वारा खनन पर रोक लगाए जाने के बाद से बि¨ल्डग मैटे

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 06:21 PM (IST)
बालू के रेट ने भवन बनवाने
वालों के बाल किए 'सफेद'
बालू के रेट ने भवन बनवाने वालों के बाल किए 'सफेद'

जागरण संवाददाता, जौनपुर : योगी सरकार द्वारा खनन पर रोक लगाए जाने के बाद से बि¨ल्डग मैटेरियल के दाम आसमान छू रहे हैं। विशेषकर बालू के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसके चलते भवन निर्माण कराने वालों के मानों बाल ही 'सफेद' हो गए, क्योंकि अधिकांश लोगों ने भवनों का निर्माण कार्य भी ठप करा दिया है। वहीं इससे ईट-भट्ठों पर सन्नाटा पसरा है और राजमिस्त्री के साथ दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।

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सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद बि¨ल्डग मैटेरियल के दामों में अचानक उछाल आ गया, क्योंकि अवैध खनन और ओवरलो¨डग बंद करा दी गई। नतीजतन 120 रुपये फीट तक बालू की कीमत पहुंच गई। इससे भवन निर्माण में लगे अधिकांश लोगों ने हाथ खड़े कर लिए। यहां तक की सरकारी योजनाओं के तहत कार्य कराने वाली कार्यदायी संस्थाओं ने भी पैर पीछे खींचना शुरू कर दिया। इसके चलते बि¨ल्डग मैटेरियल दुकानदारों के पसीने छूट गए, क्योंकि दुकानदारी ही ठप सी हो गई, जिसके बाद अधिकांश ने दुकान पर लगने वाली ट्रैक्टर की ट्राली ही कटवाकर छोटी कर दिया। मछलीशहर में क्षेत्र में तो अधिकांश ट्राली सौ फीट की बजाए 60 फीट करा दी गई। इससे वहां बालू के रेट को कम बताया गया तो दुकानदारी शुरू हुई। कमोवेश यही स्थिति अन्य इलाकों की भी हुई, फिर भी अधिकांश लोग बालू की रेट के कम होने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि सोनभद्र की खदान चालू होने वाली है। नगर के बि¨ल्डग मैटेरियल के विक्रेता आलोक यादव कहते हैं कि भवन सामग्री में जो वृद्धि हुई है वह सरकार की सख्ती का असर है।

सीएम की सख्ती से बढ़ी उम्मीद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को 15 दिनों में बालू-मौरंग के दाम घटाने का अल्टीमेटम दिया है। इसके लिए उन्होंने 31 मार्च की समय-सीमा तय की है। उन्होंने कहा कि मौरंग के दाम अभी 100 रुपये से ऊपर हैं इसे 60 से 70 रुपये फुट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। मीडिया के माध्यम से जानकारी होने के बाद भवन निर्माण करा रहे लोगों को उम्मीद बढ़ गई है, क्योंकि यदि ऐसा हो गया तो निश्चित ही उनका बजट ठीक हो जाएगा।


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