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आनलाइन पढ़ाई से आंखों की बीमारी का बढ़ा खतरा

जागरण संवाददाता जौनपुर वैश्विक महामारी कोरोना के चलते स्कूल-कालेज और कोचिग संस्थानों म

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 05:04 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 05:04 PM (IST)
आनलाइन पढ़ाई से आंखों की बीमारी का बढ़ा खतरा

जागरण संवाददाता, जौनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते स्कूल-कालेज और कोचिग संस्थानों में ताले लटक रहे हैं। बच्चों के भविष्य को देखते हुए आनलाइन शिक्षा दी जा रही है। ऐसे में बच्चे पढ़ाई के साथ ही मोबाइल पर आनलाइन गेम भी खेल रहे हैं। इसके चलते आंखों की बीमारी होने व रोशनी के कमजोर होने का खतरा बढ़ गया है।

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अधिक समय तक मोबाइल फोन या कंप्यूटर आदि का इस्तेमाल करने से आंखों पर ही नहीं, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ता है। ऐसे में बच्चों की आंखों को सुरक्षित रखने के साथ ही मानसिक तनाव मुक्त करने का भी प्रयास करना चाहिए। कई स्कूल और कोचिग संस्थान आनलाइन शिक्षा के साथ ही होमवर्क के लिए नोट भी मोबाइल पर भेज रहे हैं, जिसे कापियों पर उतारने के लिए बच्चों को कई घंटे मोबाइल पर छोटे-छोटे अक्षर पढ़ने पड़ रहे हैं, जिसका आंखों पर अधिक असर पड़ रहा है। टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करें छात्र

नेत्र रोग विशेषज्ञ डाक्टर वीरेंद्र यादव ने अभिभावकों को आगाह किया है कि वह अपने बच्चों की पढ़ाई, टीवी देखने, लैपटाप या कंप्यूटर इस्तेमाल के लिए टाइम टेबल बनाएं। 40-45 मिनट से अधिक एक साथ बच्चों को इनका इस्तेमाल करने न दें व 15 मिनट का ब्रेक अवश्य दें। क्लास से छूटने के बाद बच्चे खुले आंगन में पेड़-पौधों की तरफ देखें व आंखों को चारों तरफ घुमाएं। कुछ देर आंखों को बंद करके रखें। पढ़ते समय भी पलक झपकाते रहें व एक तरफ टकटकी लगाकर देखने से परहेज करें। बताया कि मोबाइल पर लगातार आनलाइन पढ़ाई करना या गेम्स खेलना बेहद नुकसानदायक है। फोन की स्क्रीन बेहद छोटी होती है। इसे लगातार देखते रहने से आंखों पर दबाव पड़ता है। स्क्रीन की हाईब्राइटनेस रोशनी आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं। कोशिश करें कि बच्चों को कंप्यूटर या लैपटाप पर पढ़ाई कराएं, क्योंकि बड़ी स्क्रीन से इसका खतरा कम हो जाता है। आंखों की रोशनी के लिए अंडे, हरी सब्जियां, बादाम, मछली, ड्राई फ्रूट, दूध का सेवन अवश्य करवाएं। इन बातों का रखें ध्यान..

-बच्चों को लेटकर पढ़ने या टीवी देखने की आदत न डालने दें।

-आंखों में जलन, भारीपन, माथे के बीच भारीपन महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।

-आंखों की नियमित समय पर जांच करवाते रहें।

-बच्चों को अधिक समय तक मोबाइल पर फिल्म देखने या गेम्स खेलने न दें।

-मोबाइल पर पढ़ते समय कमरे में रोशनी का उचित प्रबंध करें।

-बच्चों के खान-पान का सही ध्यान रखें।

-बच्चों को आठ घंटे तक सोने का समय दें।

-रात में मोबाइल का इस्तेमाल न करने दें।


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