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रेलवे वेबसाइट के हैकर को सीबीआई ने जौनपुर से किया गिरफ्तार

टीम ने सारे दस्तावेज और लैपटाप को अपने कब्जे में ले लिया, पूछताछ में बैंकों से आनलाइन फर्जीवाड़ा करने का मामला भी सामने आया।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Wed, 27 Dec 2017 01:40 PM (IST)Updated: Wed, 27 Dec 2017 01:40 PM (IST)
रेलवे वेबसाइट के हैकर को सीबीआई ने जौनपुर से किया गिरफ्तार

जौनपुर (जागरण संवाददाता)। भारतीय रेल की वेबसाइट को हैक कर टिकटों को अपने हिसाब से बुक करने वाले मास्टरमाइंड को सीबीआइ की टीम ने मंगलवार की शाम को शहर से गिरफ्तार कर लिया। टीम को काफी दिनों से इसकी तलाश थी। साफ्टवेयर का ये जानकार बड़ी आसानी से वेबसाइट से खेलवाड़ करता था। तलाश में पहुंची टीम ने दिन भर जिले में ई-टिकटिंग का धंधा करने वालों के यहां छापेमारी की। अंदाजा लगाया जा रहा है कि रेलवे को इससे करोड़ों की चपत भी लगी है।

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तत्काल से लेकर सामान्य टिकट को बुक करने के लिए प्रयोग होने वाली रेलवे की वेबसाइट को एक बार फिर हैक कर करोड़ों का चूना लगा दिया गया। साफ्टवेयर की गहन जानकारी रखने वाला मास्टरमाइंड एक दुकान में बैठ कर ही मनमर्जी टिकटों की बुकिंग किया करता था। लोग जब तक लाइन में लग कर टिकट लेने पहुंचते तब तक कन्फर्म टिकट इसकी जेब में आ जाता था।

इसकी शिकायत बढ़ती गई तो सीबीआइ को इसमें लगाया गया। साफ्टवेयर की मदद से पता चला कि ये गोरखधंधा यहां से हो रहा है। इसके बाद दिल्ली से तीन सदस्यीय टीम यहां आ धमकी। सुबह से ही जिले भर में छापेमारी शुरू हो गई। एक के बाद एक ई-टिकट बेचने वालों की दुकान पर टीम पहुंचने लगी। अंत में जफराबाद थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति को टीम ने दबोच लिया। उसके सिस्टम से सीबीआइ को महत्पूर्ण जानकारियां भी मिली।

टीम ने सारे दस्तावेज और लैपटाप को अपने कब्जे में ले लिया। पूछताछ में बैंकों से आनलाइन फर्जीवाड़ा करने का मामला भी सामने आया। इसके बाद टीम ने कुछ बैंकों में पहुंच कर अधिकारियो से पूछताछ की। देर रात सीबीआइ के इंस्पेक्टर सुशील दीवान ने आरोपी का जिला चिकित्सालय में चिकित्सकीय परीक्षण भी कराया। सूत्र बताते हैं कि बुधवार को उसे सक्षम न्यायालय में पेश किया जाएगा। फिर यहां से टीम उसे ट्रांजिट रिमांड पर ले जाएगी।

कार्रवाई में लगीं सीबीआइ की सात टीमें: भारतीय रेल को करोड़ों की चपत लगाने वालों की धरपकड़ के लिए जिले भर में सीबीआइ की कुल सात टीमें डेरा डाल चुकी हैं। सभी तहसीलों में एक-एक टीम लगी हुई है। गोपनीयता बरकरार रखते हुए यहां की पुलिस को भी टीम ने साथ में नहीं लिया। गिरफ्तार शातिर साफ्टवेयर इंजीनियर की निशानदेही पर अन्य साथियों की भी तलाश चल रही है। न्यायालय से रिमांड मिलने के बाद टीम इस गोरखधंधे का तार देश भर में चल रहे रैकेट से जोड़ेगी। बुधवार को भी बड़े खुलासे और अन्य की गिरफ्तारियां सामने आ सकती हैं।

12 साल बाद आया था घर: सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए गए अनिल गुप्ता की तेजी से हो रही आर्थिक प्रगति से आस पास के गांवों के भी लोग हैरान थे। रेलवे टिकट का काम करने वाला अनिल पांच माह पहले ही मुबई से आया था। जफराबाद थाना क्षेत्र के नाथूपुर निवासी अनिल कुमार गुप्ता तीन भाई है। एक भाई की बीमारी के चलते घर ही रहता है, जबकि दो भाई मुबई में रहते थे। पिता की मौत के बाद तीनों अपना खर्चा अलग अलग देखते थे। अनिल मुंबई में ही रेलवे टिकट का काम करता था, जो 12 साल बाद घर आया था।

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बढ़ती जा रही थी हैसियत: करीब 45 वर्षीय अनिल की हैसियत बढ़ती ही जा रही थी। घर, गाड़ी को देखते हुए लोगों को टिकट के कारोबार में इतना पैसा मिलने की बात पर यकीन ही नहीं हो रहा था। वह पांच माह पहले ही मुंबई से आया था जो फिर न जाकर यहीं रेलवे टिकट का काम करने लगा। ऑनलाइन टिकट निकालने में माहिर अनिल के फिर मुंबई न जाने को लेकर भी परेशान थे। चर्चा है कि मुंबई में टिकट कारोबार में हुए खेल के भंडाफोड़ में पकड़े गए गिरोह में अनिल भी शामिल था। हांलांकि अभी उसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, किन्तु गांव में देर रात जानकारी होने पर लोग कयास लगाने लगे।

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