Move to Jagran APP

रैबीज घातक बीमारी, मस्तिष्क को करती है प्रभावित

जागरण संवाददाता जौनपुर विश्व रैबीज दिवस पर सीएमओ कार्यालय सभागार में गत दिनों गोष्ठी हुई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 08:41 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 08:41 PM (IST)
रैबीज घातक बीमारी, मस्तिष्क को करती है प्रभावित
रैबीज घातक बीमारी, मस्तिष्क को करती है प्रभावित

जागरण संवाददाता, जौनपुर: विश्व रैबीज दिवस पर सीएमओ कार्यालय सभागार में गत दिनों गोष्ठी हुई। इसमें वक्ताओं ने रैबीज के प्रति जनमानस को जागरूक किया। शुभारंभ करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राकेश कुमार ने बताया गया कि रैबीज के कारण प्रतिवर्ष भारत में बीस हजार से अधिक लोगों की मौत हो रही है। यह कुत्ते के अलावा बिल्ली, बंदर, सियार आदि जानवरों के काटने से भी होता है। विश्व रैबीज दिवस इसके प्रसार को नियंत्रित करने, रोकथाम एवं जागरूकता हेतु समर्पित दिवस है।

loksabha election banner

वहीं वरिष्ठ फिजीशियन डा. बीएस उपाध्याय ने बताया कि रैबीज एक घातक बीमारी है जो कि मानव मस्तिष्क को प्रभावित करती है। रैबीज वायरस घाव व खरोच या संक्रमित जानवर के काटने से पशुओं द्वारा मनुष्य में फैलती है। रैबीज से संक्रमित व्यक्ति को पानी से भय होना, व्यवहार में परिवर्तन इत्यादि लक्षण हैं। इसके इलाज के बारे में बताते हुए डाक्टर आरए मौर्या ने कहा कि इसका उपचार उपलब्ध नहीं है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आइएन तिवारी ने कहा कि जानवर द्वारा काटे हुए स्थान को 10 से 15 मिनट तक साफ पानी से साफ करें तथा एंटीरैबीज टीकाकरण तुरंत कराएं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजीव यादव ने बताया कि अपने पालतू जानवर का एंटीरैबीज टीकाकरण जरूर कराएं जिससे कि परिवार तथा समाज सुरक्षित रहें। इस दौरान डा. आरके सिंह, डा. सत्य नारायण, हरीश चंद्र, डा. एनके सिंह, डा. संजय सिंह, डा. इंद्र सिंह, डा. पंकज सिंह, डा. आरपी यादव आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.