पूवीवी: सवालों के घेरे में पीएचडी परीक्षा परिणाम
पीएचडी प्रवेश परीक्षा परिणाम में सोमवार की सायं संशोधन के बाद अभ्यर्थियों ने इसपर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को नौजवान छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ अभ्यर्थियों ने कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल से मुलाकात की। इसपर रजिस्ट्रार ने कुलपति से बातकर उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
जासं, मल्हनी (जौनपुर): पूर्वाचल विश्व विद्यालय की प्रवेश परीक्षा परिणाम को पांच दिन बाद तकनीकी खामियों को बताते हुए विश्वविद्यालय ने सोमवार की शाम जारी कर दिया।
पहले घोषित परिणाम में जिन अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण घोषित किया गया था, उन्हें विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अब अनुत्तीर्ण दिखाया जा रहा है। इसका कारण साफ्टवेयर में तकनीकी खराबी बताई जा रही है। हालांकि इस तरह की गड़बड़ी पूर्व में भी सीपीएमटी परीक्षा में हो चुकी है। इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पर तरह-तरह के आरोप लगने लगे हैं।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा आठ सितंबर को हुई थी। इसके लिए पांच केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा के लिए करीब पांच हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें लगभग दो हजार अभ्यर्थी नेट व जेआरएफ के रहे। जिससे परीक्षा में तीन हजार 577 अभ्यर्थियों को बैठना था लेकिन कुल 2724 ने हिस्सा लिया। करीब 50 विषयों की परीक्षा हुई थी। 25 सितंबर के घोषित परीक्षा परिणाम में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 30 सितंबर को संशोधित परीक्षा परिणाम में अनुत्तीर्ण दिखाया जा रहा है। सैन्य विज्ञान विषय में शशांक मिश्र, प्रियंका यादव, विजय प्रताप, समाजशास्त्र में सचिन यादव, भौतिक विज्ञान में राहुल यादव, शिक्षाशास्त्र से सतीश कुमार सिंह, शिक्षक शिक्षा विषय से आनंद कुमार दुबे समेत तमाम अभ्यर्थी पास से फेल हो गए। अभ्यर्थियों ने इस पर सवाल खड़े कर दिया है। इसी कड़ी में मंगलवार को नौजवान छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ अभ्यर्थियों ने कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल से मुलाकात की। इस पर रजिस्ट्रार ने कुलपति से बात कर उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
बोले जिम्मेदार..
पीएचडी प्रवेश परीक्षा के परिणाम में संशोधन किया गया है। साफ्टवेयर की गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है, यह मानवीय भूल है। इसके लिए कोई व्यक्ति दोषी नहीं है। अभ्यर्थियों के अंक में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। 300 अंक में सामान्य छात्रों को 150 व एससी, एसटी, ओबीसी अभ्यर्थियों को 135 अंक पाने पर ही उत्तीर्ण घोषित किया जाना है। त्रुटि के चलते उत्तीर्ण व अनुत्तीर्ण करने में गलती हुई थी, जिसमें सुधार किया गया है।
-सुजीत कुमार जायसवाल, रजिस्ट्रार, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय।