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दिल्ली पहुंचा गोमती को प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रस्ताव

लगातार प्रदूषित हो रही आदि गंगा गोमती को प्रदूषण मुक्त करने का प्रस्ताव मंत्रालय पहुंच गया है। अभी हाल ही में इस बाबत लखनऊ में जलनिगम अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस पूरी परियोजना का खांका खींचा गया था। गोमती को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए 'नमामि गंगे'एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन के तहत गंगा की तर्ज पर साफ करने की योजना पर 223 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 07:15 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 07:15 PM (IST)
दिल्ली पहुंचा गोमती को प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रस्ताव
दिल्ली पहुंचा गोमती को प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रस्ताव

जागरण संवाददाता, जौनपुर: लगातार प्रदूषित हो रही आदि गंगा गोमती को प्रदूषण मुक्त करने का प्रस्ताव मंत्रालय पहुंच गया है। अभी हाल ही में इस बाबत लखनऊ में जलनिगम अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस पूरी परियोजना का खाका खीचा गया था। गोमती को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए 'नमामि गंगे'एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन के तहत गंगा की तर्ज पर साफ करने की योजना पर 223 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

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मुख्यालय में हुई बैठक में जल निगम के मुख्य अभियंता समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे। प्रदेश स्तर पर इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी पहलुओं का गंभीरता से अध्ययन करने के बाद इसे अंतरिम मंजूरी के लिए जल संसाधन नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय भेजा गया। बैठक में निर्माण को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद इसके निर्माण को लेकर टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। जौनपुर शहर में 14 बड़े नाले हैं। नालों का प्रदूषित पानी सीधे गोमती में समाहित होने की वजह से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। नालों का पानी गोमती में जाने की बजाए इंटेकवेल में जाएगा, जहां से इसे पचहटिया में बनाए जाने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में डाल कर इसे गोमती में जाने योग्य बनाया जाएगा।

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गोमती का यह है हाल

-बॉयो कैमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 319.80 एमजी प्रति लीटर। इसे साफ कर 10 एमजी प्रति लीटर किया जाएगा।

-केमिकल ऑक्सीजन डिमांड 337.60 (सीओडी) एमजी प्रति लीटर। यह 50 से अधिक नहीं होना चाहिए, जिसे मानक पर लाया जाएगा।

-टोटल सस्पेंटेड सालिड तीन हजार एमजी प्रति लीटर(टीएसएस)। इसे भी ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए 20 एमजी प्रति लीटर किया जाएगा।

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गंगा की तर्ज पर गोमती की सफाई का मेगा प्रोजेक्ट मुख्यालय की ओर से तैयार किया गया था, जो मंत्रालय पहुंच चुका है। इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने से न सिर्फ गोमती अविरल बह सकेगी, बल्कि प्रदूषण भी काफी कम होगा। इसके पहले गोमती की सफाई को लेकर इस तरह की पहल नहीं की गई।

एके ¨सह, अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड, जलनिगम


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