संस्थान का विजन व रोडमैप तैयार करें प्रबंधक : मंत्री
प्रदेश की उच्च शिक्षा विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग की राज्यमंत्री नीलिमा कटियार ने कहा कि स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों ने आमजन तक शिक्षा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। महाविद्यालय के प्रबंधक अपने संस्थान के लिए विजन और रोडमैप तैयार करें। उन्होंने महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन कराने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि शैक्षिक संस्थानों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जाए।
जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर) : प्रदेश की उच्च शिक्षा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग की राज्यमंत्री नीलिमा कटियार ने कहा कि स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों ने आमजन तक शिक्षा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। महाविद्यालय के प्रबंधक अपने संस्थान के लिए विजन और रोडमैप तैयार करें। उन्होंने महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन कराने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि शैक्षिक संस्थानों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जाए। यह बातें उन्होंने गुरुवार को पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रो. राजेंद्र सिंह भौतिकीय अध्ययन संस्थान के सभागार में कही। जहां स्ववित्तपोषित पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रबंधक महासंघ की तरफ से अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया था।
राज्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति चार लाख लोगों के सुझाव और तमाम शिक्षाविदों के चितन का परिणाम है। यह शिक्षा नीति सच्चे अर्थों में देश की माटी से जुड़ी है। कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्या ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के कार्य से उसके व्यक्तित्व का निर्माण होता है। महाविद्यालय का निर्माण प्रबंधक बड़ी तपस्या के साथ करते हैं। विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी ने कहा कि आजमगढ़ विश्वविद्यालय बनने से पूर्वांचल विश्वविद्यालय से दो जिले कट जाएंगे और आने वाले समय में विश्वविद्यालय के लिए आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा।
उन्होंने शिक्षा राज्यमंत्री से मांग किया कि विश्वविद्यालय से न्यूनतम पांच जिलों को जोड़ा जाए। विशिष्ट अतिथि सिकरारा निवासी कानपुर की महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि अपनी जन्मभूमि जौनपुर में आकर अपार खुशी हुई है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने पूर्वी पट्टी में शिक्षा का तेजी से प्रसार किया है। महासंघ के अध्यक्ष डा. दिनेश तिवारी ने स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों की समस्याओं से अवगत कराया। इस मौके पर आइक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो. मानस पांडेय, महासंघ संरक्षक अशोक दुबे, वित्त अधिकारी संजय राय, कुलसचिव महेंद्र कुमार, उच्च शिक्षा अधिकारी डा. ज्ञान प्रकाश वर्मा, सतीश यादव, परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, डा. अमित वत्स, डा. राकेश यादव आदि मौजूद रहे। संचालन प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने किया।