मेडिकल कॉलेज के नामकरण को लेकर सियासी घमासान
राजकीय मेडिकल कालेज का नामकरण भाजपा नेता पूर्व मंत्री रहे उमानाथ ¨सह के नाम पर किए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को सार्वजनिक रूप से की थी।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: राजकीय मेडिकल कालेज का नामकरण भाजपा नेता पूर्व मंत्री रहे उमानाथ ¨सह के नाम पर किए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को सार्वजनिक रूप से की थी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद मेडिकल कालेज के नामकरण को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया।
सपा के वरिष्ठ नेता मल्हनी विधायक पारसनाथ यादव व शाहगंज के सपा विधायक शैलेंद्र यादव 'ललई' ने एतराज जताया है। पारसनाथ यादव ने कहा कि यह अखिलेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था। इसका नामकरण किसी पार्टी के नेता के नाम पर न करके किसी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी या महापुरुष के नाम पर किया जाना चाहिए।
शाहगंज के सपा विधायक शैलेंद्र यादव 'ललई' ने मेडिकल कालेज के नामकरण पर नाखुशी जताते हुए कहा कि नाम तो लिखते-मिटते रहते हैं। सपा की सरकार आई तो अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का नामकरण किसी समाजवादी ¨चतक या अंबेडकरवादी महापुरुष के नाम पर किया जाएगा। सपा नेताओं ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान लोकतांत्रिक ढंग से विरोध दर्ज कराने पहुंचे पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न व पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई किए जाने का आरोप लगाते हुए गहरा आक्रोश जताया है।
विरोध प्रदर्शन के आरोप में जिला जेल में बंद पार्टी कार्यकर्ता रजनीश मिश्र से शुक्रवार को जेल में मिलने पहुंचे विधायक पारसनाथ यादव ने इस कृत्य को लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। जेल के बाहर मौजूद पुलिस से उनकी इस मामले को लेकर नोंक-झोंक भी हुई। श्री यादव ने चेताया कि सरकार तो आती-जाती रहती है। अधिकारी पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता के उत्पीड़न से बाए आएं, यही उचित है। उनके साथ सुशील दुबे, सुशील श्रीवास्तव, धर्मेंद्र मिश्र आदि मौजूद रहे। बाद में सपा के अन्य कार्यकर्ताओं ने भी रजनीश मिश्र से जेल पहुंचकर मुलाकात की।