परमेंद्र हत्याकांड का राजफाश नहीं कर सकी पुलिस, फाइल हुई बंद
परमेंद्र हत्याकांड अबूझ पहेली ही बनी रह गई। अब तो पुलिस ने इस मामले की फाइल ही बंद कर दी है।
जागरण संवाददाता, मीरगंज (जौनपुर): परमेंद्र हत्याकांड अबूझ पहेली ही बनी रह गई। अब तो पुलिस ने इस मामले की फाइल ही बंद कर दी है। कातिलों की गिरफ्तारी तो दूर, पुलिस यहां तक छानबीन में पता नहीं लगा सकी कि हत्या किसने और क्यों की थी।
किशुनदासपुर गांव निवासी परमेंद्र (22) पुत्र देवराज पाल का शव गतवर्ष 22 जनवरी को घर के पास स्थित कुएं में मिला था। उसकी हत्या करने के बाद शव बोरे में भरकर कुएं में फेंका गया था। मौके पर बुलाया गया खोजी कुत्ता ऐसा कोई सुराग नहीं दे सका था जिससे पुलिस को कातिलों तक पहुंचने में मदद मिलती। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक 25 जनवरी को गांव में जाकर मृतक के स्वजनों से मिलकर संवेदना जताते हुए उन्हें आश्वस्त किया था कि हत्याकांड का जल्द राजफाश कर कातिलों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। शुरुआती छानबीन में तेजी से उम्मीद बंधी थी कि जल्द ही राजफाश हो जाएगा, लेकिन कुछ दिनों बाद पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठ गई। इसके बाद कई थानाध्यक्ष बदले, परंतु कोई भी परमेंद्र हत्याकांड की गुत्थी सुलझा नहीं सका। यह सवाल आज भी स्वजनों ही नहीं, अन्य ग्रामीणों के भी मन को कचोट रहा है कि परमेंद्र की हत्या किसने व क्यों की। राजफाश न होने से लोगों का पुलिस से भरोसा उठ गया है। लोगों का कहना है कि पुलिस यदि इस मामले को उजागर करती तो आरोपित सलाखों के पीछे होते। वर्जन--
काफी प्रयास करने के बाद भी हत्या के कारण व कातिलों का पता नहीं चल पाने पर परमेंद्र हत्याकांड की विवेचना बंद कर एफआर लगा दी गई है।
-विजय सिंह, सीओ मछलीशहर।